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पतंजलि योगपीठ के नाम पर ठगी कर रहे साइबर जालसाज, आचार्य बालकृष्ण बोले- हम कुछ नहीं कर पा रहे - Patanjali Yogpeeth Fraud - PATANJALI YOGPEETH FRAUD

साइबर ठग पतंजलि योगपीठ के नाम पर ठगी कर रहे हैं. काफी संख्या में लोग इनके शिकार बन रहे हैं, लेकिन योगपीठ कोई कदम नहीं उठा रहा है. इससे लोग ठगों के जाल में फंसते जा रहे हैं.

पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.
पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. (PHOTO Credit; Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 15, 2024, 7:21 AM IST

पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. (VIDEO Credit; Etv Bharat)

अलीगढ़ :पतंजलि योगपीठ के नाम पर लोगों से ठगी की जा रही है. योग शिविरों में हिस्सा लेने और विभिन्न बीमारियों के उपचार के लिए लोग फोन करते हैं. ऑनलाइन दिए गए खाते में पैसे भी भेज देते हैं, लेकिन बाद में उन्हें पता चलता है कि खाता नंबर योगपीठ का है ही नहीं. शहर में एक ऐसा ही मामला सामने आया है. अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी ठगी के शिकार हो गए. उन्होंने पतंजलि योगपीठ के जनरल सेक्रेटरी आचार्य बालकृष्ण समेत 3 लोगों पर धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है.

अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अशोक कुमार पांडेय की ओर से पुलिस को दी गई तहरीर के अनुसार उन्होंने सात दिवसीय पतंजलि योग शिविर में हिस्सा लेकर उपचार कराने के लिए आवेदन किया था. ऑनलाइन एक नंबर मिला. इस पर उन्होंने सभी जानकारी दी. वहां से पतंजलि योगपीठ के डॉ. पंकज गुप्ता ने बात की. इसके बाद निर्धारित शुल्क जमा करने के लिए एक खाता नंबर दिया. खाता पतंजलि योगपीठ के नाम से ही था.

पत्र भेजकर मांगे गए और रुपये. (PHOTO Credit; Etv Bharat)

पत्र पर पतंजलि योगपीठ के जनरल सेक्रेटरी आचार्य बालकृष्ण के हस्ताक्षर थे. इस पर भरोसा करके उन्होंने तत्काल निर्धारित राशि उस खाते में जमा करा दी. उसके बाद एक पत्र और प्राप्त हुआ, इसमें जांच के नाम पर कुछ और रुपए मांगे गए. संदेह होने पर अशोक ने पतंजलि योगपीठ से जुड़े नंबरों पर संपर्क किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला. उन्होंने तत्काल साइबर क्राइम की हेल्पलाइन नंबर 1930 पर इसकी जानकारी थी.

थाने में एफआईआर करवाने के लिए तहरीर दी. इसके बाद आचार्य बालकृष्ण, डॉ. पंकज गुप्ता व एक अज्ञात पर धारा 420 व आईटी एक्ट की धारा 66 डी में मुकदमा दर्ज किया गया. अशोक के अनुसार अभी तक धनराशि वापस नहीं मिली. जिन नंबरों से फोन आया है, वह आज भी चालू है. वे अभी भी पैसे मांग रहे हैं. रोजाना इस तरह से कई लोग ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार हो रहे हैं. उनके संपर्क में आए गाजियाबाद के अशोक अग्रवाल ने भी इसी तरह 72800 रुपये जमा किए थे.

एफआईआर की कॉपी. (PHOTO Credit; Etv Bharat)

जानकारी करने पर पतंजलि योगपीठ पल्ला झाड़ लेता है. खुद आचार्य बालकृष्ण का कहना है कि इस तरह की ठगी की जानकारी है लेकिन हम कुछ कर नहीं पा रहे. इस तरह के मामले में योगपीठ की ओर से की गई कार्रवाई के बारे में पूछने पर उनके सहायक गगन कुमार भी चुप्पी साध लेते हैं.

पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वितीय आर के सिसोदिया ने बताया कि थाना गांधी पार्क क्षेत्र में साइबर फ्रॉड का मामला सामने आया है. किसी फर्जी व्यक्ति द्वारा आचार्य बाल कृष्ण के नाम पर 29400 रुपये ठग लिए गए. 45 हजार की मांग की गई है. पुलिस साइबर सेल की मदद से जांच कर रही है.

साल 2006 में स्थापित पतंजलि योग पीठ का विवादों से पुराना नाता रहा है. योगपीठ के भ्रामक विज्ञापनों को लेकर भी बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण घिर चुके हैं. विज्ञापनों के जरिए आधुनिक चिकित्सा पद्धति को कमजोर बताया गया था, जबकि आयुष उपचार को बढ़ावा देने की बात की गई थी. मामले में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था. इसके बाद रामदेव और बालकृष्ण को सुप्रीम कोर्ट से माफी मांगनी पड़ी थी.

एफआईआर की कॉपी. (PHOTO Credit; Etv Bharat)

इससे पहले भी बालकृष्ण शैक्षणिक दस्तावेजों में हेराफेरी, जाली पासपोर्ट समेत विदेश में धन जमा करने के मामले में घिर चुके हैं. सीबीआई की ओर से साल 2011 में उन पर केस दर्ज किया गया था. हालांकि बाद में ईडी ने उन्हें क्लीन चिट दे दी थी. साल 2005 में योगपीठ में काम करने वाले कुछ मजदूरों ने दवाओं में हड्डियों का चूरा मिलाने का आरोप लगाया था.

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