दुर्ग भिलाई : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान भिलाई अब इंजीनियरिंग और प्रबंधन जैसे प्रतिष्ठित कोर्सों के बाद बीएड कोर्स शुरू करने जा रहा है. बीएड का यह इंटीग्रेटेड कोर्स चार साल का होगा. इसके तहत विद्यार्थियों को बीएससी-बीएड, बीए-बीएड और बीकाम-बीएड जैसी डिग्रियां दी जाएंगी. फिलहाल, इस इंटीग्रेटेड कोर्स की शुरूआत आईआईटी भिलाई में अगले शैक्षणिक सत्र से होगी.
पहली बार आईआईटी ने बीएड के लिए मांगी अनुमति: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत खास तरह से डिजाइन किए गए कोर्स के लिए राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) ने प्रमुख शिक्षण संस्थानों से आवेदन मांगे थे. इसे लेकर देशभर के सैकड़ों संस्थानों ने आवेदन किए हैं. लेकिन इनमें जो चौंकाने वाले संस्थान हैं, उनमें आईआईटी भिलाई, आईआईटी मद्रास, आईआईटी खड़गपुर, आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी भुवनेश्वर और आईआईटी मंडी शामिल हैं. पहली बार आईआईटी जैसे उच्च शिक्षण संस्थानों ने बीएड कोर्स शुरू करने की अनुमति मांगी है. हालांकि, अब तक बीएड कोर्स की पढ़ाई शिक्षण से जुड़े संस्थान करा रहे हैं.
शिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाना है उद्देश्य: मौजूदा समय में प्रदेश में बीएड कालेजों की कुल संख्या करीब 150 से ज्यादा है. एनसीटीई के मुताबिक, नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) में शिक्षकों के शिक्षण की गुणवत्ता को और मजबूती प्रदान करने की सिफारिश की गई है. इस अहम पहल के तहत उन छात्रों को प्लेटफार्म मुहैया कराना है, जो बारहवीं की पढ़ाई के बाद ही शिक्षण के क्षेत्र में जाना चाहते हैं. ऐसे में उनकी स्ट्रीम (संकाय) के आधार पर उन्हें बीएड करने का मौका मिलेगा.