बस्ती: लखनऊ से 200 किलोमीटर दूर बस्ती जनपद में उस वक्त सनसनी फैल गई जब भाजपा के एक नेता पर हत्या का आरोप लगा. हत्या भी किसी सामान्य व्यक्ति की नहीं, बल्कि बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले के आरोपी रहे लक्ष्मण सेना के अध्यक्ष रमेश सिंह के बेटे शक्ति सिंह की कर दी गई.
दरअसल हत्यारोपी बीजेपी नेता और शक्ति सिंह के परिवार के बीच पुरानी आदावत है, जिसको लेकर आज ये रंजिश खूनी संघर्ष में बदल गई. बीजेपी नेता नागेश सिंह पर आरोप है कि उन्होंने रमेश सिंह के बेटे 34 वर्षीय शक्ति सिंह को पहले अगवा किया फिर उसकी हत्या कर शव सरयू नदी के किनारे फेंक दिया.
घटना के बारे में बताते शक्ति सिंह के भाई विक्रम सिंह. (Video Credit; ETV Bharat) दो दिन की तलाश के बाद एक सूचना के आधार पर पुलिस ने शव को बरामद कर लिया और आरोपी नागेश सिंह सहित 3 अन्य पर कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है. हत्यारोपी नागेश सिंह दिवंगत पूर्व विधायक राणा किंकर सिंह के पुत्र हैं.
दरअसल, बस्ती जिले के दुबौलिया थानाक्षेत्र के गौरा-सैफाबाद तटबंध पर बने सरयू नदी की ठोकर के पास बोरे में एक युवक का शव मिला था. गौरा तिवारीपुर गांव के सामने बनी ठोकर के पास सुबह लोगों की नजर खून के धब्बों पर पड़ी. नदी किनारे करीब दस मीटर दूर पानी में एक साथ बंधे दो बोरों में कुछ दिखाई दिया. शव होने की आशंका में पुलिस को सूचना दी गई.
पुलिस ने बोरा खुलवाया तो उसमें युवक का शव मिला. सिर से कमर तक शव प्लास्टिक के बोरे में था, जबकि पैर से बाकी हिस्सा जूट के बोरे में बंधा हुआ था. सिर पर गम्भीर चोट के निशान मिले हैं. पुलिस के मुताबिक शव पुराना लग रहा है. शव की शिनाख्त अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाने के आरोपी रहे लक्ष्मण सेना अध्यक्ष के रमेश सिंह के बेटे शक्ति सिंह के रूप में हुई. शक्ति के छोटे भाई ने गांव के ही एक राजनीतिक परिवार पर हत्या का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है.
माना जा रहा है कि बुधवार को ही शक्ति सिंह निवासी रानीपुर बेलाड़ी, थाना नगर की हत्या कर शव दुबौलिया थानाक्षेत्र में ठिकाने लगाया गया. पुलिस का कहना है कि परिजनों ने कुछ लोगों पर हत्या में शामिल होने की आशंका जताई है. छानबीन कर उचित कार्रवाई होगी. शक्ति के छोटे भाई विक्रम प्रताप सिंह ने गुरुवार को गुमशुदगी दर्ज कराई थी.
तहरीर में विक्रम प्रताप सिंह ने बताया है कि गांव के ही एक राजनीतिक परिवार से काफी दिनों से दुश्मनी चल रही थी. आरोप है कि 24 सितंबर की शाम छह बजे गांव के ही ऋषिकेश सिंह के दाह-संस्कार में उनके बड़े भाई शक्ति सिंह गांव के कुछ लोगों के साथ गए थे. दाह-संस्कार शहर कोतवाली के मूड़घाट पर हो रहा था. वह भी वहां गए थे. आते समय भाई शक्ति से कहा कि घर चलो, तो वह बोला कि जिसके साथ आए थे, उनके साथ ही जाएंगे.
इसके बाद हत्यारोपी और पूर्व विधायक रहे दिवंगत किंकर सिंह के बेटे राणा नागेश सिंह अपनी गाड़ी में शक्ति सिंह को बिठा लिए, उसी दिन के बाद से शक्ति सिंह का कुछ पता नहीं चल रहा था. उसके दो दिन बाद शक्ति की लाश बरामद हुई. शक्ति के माता-पिता दोनों की मौत हो चुकी है. छोटे भाई विक्रम सिंह ने बताया कि पूर्व में उसे दो दिन तक कुछ लोगों ने उठा लिया था. मारपीट के बाद पुलिस को सौंप दिया था और पुलिस ने शक्ति का ही चालान कर दिया था.
डीएसपी प्रदीप कुमार त्रिपाठी ने बताया कि शक्ति सिंह का शव बरामद हुआ है. इस मामले में तहरीर के आधार पर नागेश सिंह, रवि, शैलेंद्र और मनोज के खिलाफ हत्या की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. आगे की विधिक कार्रवाई की जा रही है. तथ्यों के आधार पर पुलिस अग्रिम कार्रवाई करेगी.
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