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खूंटी को अफीम मुक्त करने का मास्टर प्लान, किसनों को वैकल्पिक खेती के लिए किया जाएगा प्रेरित - OPIUM CULTIVATION IN KHUNTI

खूंटी में किसानों को अफीम की खेती से दूर रखने के लिए प्रशासन ने मास्टर प्लान बनाया है. वैकल्पिक खेती के लिए प्रेरित किया जाएगा.

opium cultivation in Khunti
अफीम की फसल (Etv Bharat)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Feb 4, 2025, 2:56 PM IST

खूंटीः राजधानी से सटे खूंटी जिले में लगाई गई वृहद पैमाने पर अफीम को नष्ट करने के लिए जहां पूरा तंत्र लगा हुआ है तो वहीं दूसरी ओर आने वाले साल के लिए जिला को प्रशासन ने पहले ही अफीम मुक्त करने की दिशा में कदम बढ़ा दिए हैं. वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक मास्टर प्लान बनाया है, जिसमें रबी फसल के अलावा ठंड के महीने में होने वाली उन फसलों एवं पौधों को शामिल किया जायेगा, जिससे अफीम उगाने वाले किसान अफीम की खेती से बच सकें.

खूंटी जिले में अफीम विनष्टीकरण के साथ-साथ अब वैकल्पिक तथा वैधानिक खेती पर प्रशासन का फोकस रहेगा. रबी मौसम में वैकल्पिक खेती के लिए पानी की जरूरत को देखते हुए तालाब निर्माण समेत अन्य जल संचयन माध्यमों पर कार्य किया जाएगा.

जानकारी देते डीसी (Etv Bharat)

आम लोगोंं को खेती के लिए बीज और खाद भी मुहैया कराई जाएगी, साथ ही आने वाले समय में मनरेगा के तहत वृहत तरीके से योजना बनाकर कृषि कार्य को बढ़ावा दिया जाएगा. अलग-अलग मौसम के अनुसार किसानों को विभिन्न तरह के बीज, सब्जी के पौधे, खाद दिया जाएगा.

खूंटी जिला प्रशासन अवैध अफीम पर पूरी तरह अंकुश लगाकर वैकल्पिक खेती के लिए वृहद स्तर पर योजना बनाने का कार्य करेगी. अलग-अलग क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता को देखते हुए नए तालाब और सिंचाई के अन्य विकल्प तलाशे जाएंगे. किसानों के आय संवर्द्धन के लिए नए विकल्पों के अनुरूप खाद बीज का वितरण किया जाएगा.

जिले के डीसी लोकेश मिश्रा ने अवैध अफीम को जड़ से खत्म करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. जिले के खूंटी, मुरहू, अड़की, सायको और मारंगहदा के अलावा कर्रा थाना क्षेत्रों के किसानों के लिए विभिन्न प्रकार की स्कीम से जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जाएगा और वैकल्पिक खेती को बढ़ावा देने के लिए किसानों को सीजन के अनुसार बीज, खाद सहित पौधे दिए जाएंगे.

अफीम प्रभावित क्षेत्र के लगभग सभी किसानों सहित वैसे किसानों को भी चिन्हित किया जाएगा जो बेखौफ होकर अफीम की खेती करते रहे हैं. वैसे किसान भी रहेंगे जो अफीम की खेती करना छोड़ दिए हों. उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने के लिए जिला प्रशासन ने योजना बनाई है.

डीसी लोकेश मिश्रा ने कहा कि फिलहाल अभी जनजागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और अफीम के दुष्प्रभाव सहित कानूनी जानकारी भी दी जा रही है ताकि किसान जागरूक हो सकें और खुद से अफीम की खेती से तौबा करें और इसके फसल को नष्ट करें. डीसी ने बताया कि अफीम प्रभावित क्षेत्रों में लगी अवैध फसलों को नष्ट करना है और क्षेत्र को अफीम मुक्त करना है.

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