लखनऊ : उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए मतदाता सूची विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम शुरू हो गया है. मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार यह पुनरीक्षण कार्यक्रम अर्हता तिथि 1 जनवरी 2025 के आधार पर किया जा रहा है. पुनरीक्षण कार्यक्रम 28 नवंबर 2024 तक चलेगा.
विशेष अभियान की तिथियां निर्धारित : उन्होंने बताया कि पुनरीक्षण के दौरान मतदाता अपने नाम की जांच कर सकेंगे और आवश्यकता पड़ने पर नाम जोड़ने, हटाने या संशोधन करवा सकेंगे. चार विशेष अभियान दिवस 9 और 10 नवंबर तथा 23 और 24 नवंबर को सभी बूथों पर अधिकारी विशेष सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगे.
अंतिम सूची का प्रकाशन 6 जनवरी 2025 को :उन्होंने बताया किपुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान प्राप्त दावे और आपत्तियों का निस्तारण 24 दिसंबर 2024 तक किया जाएगा, जिसके बाद मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 6 जनवरी 2025 को होगा.
ऑनलाइन माध्यम से सेवाएं उपलब्ध :उन्होंने बताया किमतदाता सूची में नाम जुड़वाने या संशोधन के लिए इच्छुक व्यक्ति https://voterportal.eci.gov.in, https://voters.eci.gov.in या 'Voter Helpline' ऐप का उपयोग कर सकते हैं. इसके अतिरिक्त, मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर 'Search your name Electoral Roll' विकल्प से भी नाम देखा जा सकता है.
विशेष व्यवस्था और दिशा-निर्देश :मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि प्रदेश के 394 विधानसभा क्षेत्रों की मतदाता सूची का आलेख्य प्रकाशन 29 अक्टूबर 2024 को किया गया है. हालांकि, उप निर्वाचन वाले 9 विधानसभा क्षेत्रों मीरापुर, कुन्दरकी, गाजियाबाद, खैर, करहल, सीसामऊ, फूलपुर, कटेहरी और मझवां में पुनरीक्षण प्रक्रिया फिलहाल स्थगित कर दी गई है.
मतदाता आंकड़े और बूथ संख्या में वृद्धि : मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि वर्तमान प्रकाशित आलेख्य मतदाता सूची के अनुसार, उत्तर प्रदेश में कुल 14,90,77,157 मतदाता हैं, जिसमें 7,95,35,523 पुरुष, 6,95,35,490 महिलाएं और 6,144 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं. इस बार 442 नए पोलिंग स्टेशनों को जोड़कर कुल पोलिंग स्टेशन संख्या 1,58,737 हो गई है.
स्वच्छ मतदाता सूची का उद्देश्य :मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि इस पुनरीक्षण का उद्देश्य एक स्वच्छ और स्वस्थ मतदाता सूची तैयार करना है. मृतक, डुप्लीकेट और स्थानांतरित मतदाताओं के नामों को सूची से हटाया जाएगा. महिला और युवा मतदाताओं का पंजीकरण भी प्राथमिकता पर रहेगा. निर्वाचक नामावलियों का यह पुनरीक्षण प्रक्रिया आगामी विधानसभा चुनावों के लिए पारदर्शिता और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की मजबूती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.
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