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पंचतत्व में विलीन हुए उत्तराखंड के वीर जवान हजारी चौहान, असम राइफल में मणिपुर में थे तैनात - Assam Rifles Jawan Hajari Chauhan

Last rites of Assam Rifles Jawan Hajari Chauhan performed in Rishikesh मणिपुर में तैनात असम राइफल के जवान हजारी चौहान को सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. हजारी चौहान का मणिपुर में स्वास्थ्य खराब होने के बाद निधन हो गया था. मंगलवार को ऋषिकेश के पूर्णानंद घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. इस मौके पर स्थानीय विधायक और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल भी मौजूद थे.

Last rites of Assam Rifles Jawan Hajari Chauhan
ऋषिकेश समाचार (Photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 27, 2024, 3:29 PM IST

ऋषिकेश:असम राइफल में तैनात देवप्रयाग के जवान हजारी चौहान का पार्थिव शरीर आज सैन्य सम्मान के साथ पूर्णानंद घाट पर पंचतत्व में विलीन हो गया. राज्य की ओर से कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने शहीद को अपनी श्रद्धांजलि दी. शहीद के परिजनों से बातचीत कर कैबिनेट मंत्री ने उनको सरकार की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया.

असम राइफल के जवान हजारी चौहान को श्रद्धांजलि (Photo- ETV Bharat)

असम राइफल में तैनात थे हजारी चौहान:बता दें कि मूल रूप से देवप्रयाग टिहरी के रहने वाले हजारी चौहान असम राइफल में मणिपुर में तैनात होकर भारत माता की सेवा कर रहे थे. अचानक उनका स्वास्थ्य खराब हुआ और धीरे-धीरे स्वास्थ्य बिगड़ता चला गया. इलाज के दौरान उन्होंने शरीर त्याग दिया. यह खबर मिलने के बाद उनके परिवार वालों में सनसनी मच गई और पूरे क्षेत्र में भी शोक की लहर दौड़ गई.

अचानक बीमार होकर तोड़ा दम: ऋषिकेश के निकट खदरी श्यामपुर में उनके वर्तमान निवास पर पार्थिव शरीर लाए जाने पर लोगों ने शोक व्यक्त किया. भारत माता के जयकारे लगाकर शहीद को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि दी. पार्थिव शरीर श्यामपुर से सैन्य सम्मान के साथ सैनिक वाहन में पूर्णानंद घाट लाया गया. यहां छावनी के जवानों ने 21 गोलियों से शहीद को सलामी दी. मौके पर कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल पहुंचे. उन्होंने सरकार की ओर से शहीद को श्रद्धांजलि देते हुए शोक व्यक्त किया.

प्रेमचंद अग्रवाल ने जताया शोक:उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से देश के सभी बॉर्डर पर उत्तराखंड के जवान भारत माता की सेवा कर रहे हैं, दुश्मनों से लोहा लेते हुए शहीद हो रहे हैं, इसके लिए उत्तराखंड जितना खुद को गौरवशाली समझता है, उतना ही शहीद होने पर दुख भी व्यक्त करता है. सरकार इस दुख की घड़ी में शहीद के परिजनों के साथ खड़ी है.
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