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अब तक ढाई लाख बच्चों और माता-पिता को बता चुकी हैं अर्चना, ...कैसे बचें  "यौन शोषण" से? - Child sexual abuse awareness

अपनी स्वयंसेवी संस्था 'समाधान अभियान' के जरिए अर्चना अग्निहोत्री विभिन्न कार्यक्रम चलाकर अभिभावक, शिक्षक और छात्रों को बाल यौन उत्पीड़न के प्रति जागरूक कर रही हैं.

बाल यौन उत्पीड़न के प्रति लोगों को जागरूक कर रहीं अर्चना अग्निहोत्री
बाल यौन उत्पीड़न के प्रति लोगों को जागरूक कर रहीं अर्चना अग्निहोत्री (Etv Bharat)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 5, 2024, 5:24 PM IST

Updated : Sep 5, 2024, 6:53 PM IST

समाजसेवी अर्चना अग्निहोत्री (Etv bharat)

नई दिल्ली/गाजियाबाद:समाजसेवी अर्चना अग्निहोत्री करीब एक दशक से बाल यौन उत्पीड़न के प्रति अभिभावक, शिक्षा और बच्चों को जागरूक करने का काम कर रही हैं. उन्होंने यूनाइटेड स्टेट्स के कैलिफोर्निया स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफोर्निया डेविस से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद कई साल तक अमेरिका में नौकरी की. अर्चना अपने पति के साथ अमेरिका में रहती थीं. बचपन से ही उनको सोशल वर्क का तरफ काफी रुझान था. समाज के प्रति कुछ करने की ललक की वजह से अर्चना साल 2000 में नौकरी छोड़ भारत लौट आईं.

पॉक्सो एक्ट लागू होने के बाद बाल यौन उत्पीड़न के प्रति समाज को जागरूक करना शुरू किया

भारत लौटने के बाद अर्चना अग्निहोत्री ने करीब एक दशक तक विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के साथ काम किया. 2012 में पॉक्सो एक्ट आने के बाद अर्चना ने बाल यौन उत्पीड़न के प्रति समाज को जागरूक करने का काम शुरू किया. 2015 में संस्था 'समाधान अभियान' की स्थापना की. फिलहाल अर्चना अग्निहोत्री समाधान अभियान की निदेशक हैं. 'समाधान अभियान' द्वारा विभिन्न कार्यक्रम चलाकर अभिभावक, शिक्षक और छात्रों को बाल यौन उत्पीड़न के प्रति जागरूक किया जाता है.

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यूपी के हरदोई, कछौना, साहिबाबाद, गोरखपुर और सिद्धार्थनगर के पुलिस थानों में स्थापित किए बाल मित्र केंद्र

अर्चना अग्निहोत्री बताती हैं, उत्तर प्रदेश में इंडिया पेस्टिसाइड्स लिमिटेड द्वारा सीएसआईआर(CSIR) के सहयोग से प्रदेश के हरदोई, कछौना, साहिबाबाद, गोरखपुर और सिद्धार्थनगर में पुलिस थानों में बाल मित्र केंद्र स्थापित किए हैं. बाल मित्र केंद्र में बाल यौन उत्पीड़न का शिकार हुए बच्चों को काउंसलिंग दी जाती है. बाल यौन उत्पीड़न को जड़ से खत्म करने के लिए इसके प्रति जागरूकता फैलाना बेहद आवश्यक है.

अर्चना बताती हैं कि अभी भी लोग चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज के बारे में बात करने से बचते हैं. 'समाधान अभियान' द्वारा उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और जम्मू-कश्मीर समेत पांच राज्यों में तकरीबन ढाई लाख बच्चों और अभिभावकों को बाल यौन उत्पीड़न के प्रति जागरूक किया जा चुका हैं. अभिभावक अब इसका महत्व समझ रहे हैं.

अमेरिका में तकरीबन पांच लाख डॉलर के पैकेज वाली नौकरी छोड़ा

अमेरिका में अर्चना और उनके पति की अच्छी नौकरी थी. अर्चना बताती हैं कि उस समय उनका पैकेज तकरीबन पांच लाख डॉलर था. तमाम प्रकार की सुविधाएं मौजूद थीं. लेकिन हमें अपने देशवासियों के लिए कुछ करना था. अर्चना का मकसद भारत से चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज को समाप्त करना है.

एनसीआरबी के साल 2022 के आंकड़ों के अनुसार, देश में बच्चों के साथ यौन शोषण के 63,414 मामले दर्ज हुए थे. इनमें सबसे अधिक उत्तर प्रदेश में 8,151 मामले सामने आए. दूसरे स्थान पर रहे महाराष्ट्र में 7,572 व मध्य प्रदेश में 5,996 मामले दर्ज हुए थे. देश में बच्चों के साथ होने वाली दुष्कर्म की घटनाओं में यूपी का पहला स्थान है. बच्चों के साथ यौन शोषण की घटनाओं में अधिकतर उनके परिवार के सदस्य, रिश्तेदार, पड़ोसी और जान-पहचान के लोग ही शामिल रहते हैं. एनसीआरबी के मुताबिक यूपी में लगभग 94.4 फीसदी मामलों में बच्चे अपनों के ही द्वारा शोषित किए गए.

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Last Updated : Sep 5, 2024, 6:53 PM IST

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