रायपुर/सुकमा : छत्तीसगढ़ सरकार के सहयोग से सुरक्षा बलों ने अरनपुर-जगरगुंडा सड़क को पूरा करने में सफलता हासिल की है.छत्तीसगढ़ के उग्रवाद प्रभावित सुकमा जिले के जगरगुंडा इमली की बिक्री के लिए एशिया का सबसे बड़ा बाजार है.सुरक्षा बलों का मानना है कि अरनपुर- जगरगुंडा सड़क का निर्माण पूरा होने के बाद, छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र जगरगुंडा एक बार फिर एशिया के सबसे बड़े इमली बाजार के रूप में अपना पुराना स्थान हासिल करेगा.
नक्सलियों के कारण छीन गई थी पहचान :बस्तर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने कहा कि पहले, सुकमा में जगरगुंडा क्षेत्र इमली की बिक्री के लिए एशिया के सबसे बड़े बाजार के रूप में लोकप्रिय था, लेकिन नक्सली गतिविधियों में वृद्धि के कारण बाजार ने अपना अस्तित्व खो दिया. ये क्षेत्र नक्सलियों का सबसे सुरक्षित ठिकाना था. लेकिन इस मिथक को तोड़ने के लिए पुलिस और फोर्स ने अपनी कमर कसी.इसके बाद सबसे पहले धुर नक्सल क्षेत्र में सड़क का निर्माण करवाया गया.ताकि सरकारी योजनाओं के साथ स्थानीय लोग विकास से जुड़ सके.
''यह सड़क स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने में मदद करेगी.स्थानीय आबादी को बाहरी दुनिया से जोड़ने का माध्यम भी बनेगी. सीआरपीएफ और पुलिस ने इस महत्वपूर्ण खंड के निर्माण के लिए व्यापक अभियान चलाया है. कई सुरक्षा कर्मियों ने ड्यूटी के दौरान अपने जीवन का बलिदान दिया है. इस महत्वपूर्ण सड़क को पूरा होने में लगभग 5-6 साल लगे हैं.''सुंदरराज पी, आईजी बस्तर
स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार :वहीं इस बारे में बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि सड़क के निर्माण से स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे.दक्षिण बस्तर के जगरगुंडा क्षेत्र को सभी दिशाओं से (उत्तर अरनपुर-जगरगुंडा, पूर्व दोरनापाल-जगरगुंडा, पश्चिम आवापल्ली-जगरगुंडा और दक्षिण से गोलापल्ली-किस्टाराम-जगरगुंडा) से जोड़ने के लिए सावधानीपूर्वक योजना के तहत काम किया जा रहा है. इस परियोजना के तहत कार्य के प्रथम चरण में अरनपुर-जगरगुंडा सड़क का कार्य पूरा हो चुका है.