रांची: एक तरफ राज्य सरकार लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए आचार संहिता लगने से पहले 4 विषयों में चयनित 1250 पीजीटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र देने में जल्दबाजी दिखा रही है. वहीं, दूसरी ओर उसी विज्ञापन के तहत लिए गए अर्थशास्त्र सहित सात विषयों के परीक्षाफल के प्रति उदासीन बनी हुई है. ऐसे में छात्रों के बीच कहीं खुशी कहीं गम वाली स्थिति है. जिन विषयों का रिजल्ट अब तक प्रकाशित नहीं हुआ है उसमें अर्थशास्त्र, हिन्दी, अंग्रेजी, गणित, संस्कृत, इतिहास और वाणिज्य शामिल है. ऐसे में इन विषयों के रिजल्ट जल्द से जल्द जारी करने की मांग को लेकर छात्र राजभवन के समक्ष गुहार लगाने को विवश हो गए हैं.
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के उदासीन रवैया से नाराज इन छात्रों का मानना है कि लोकसभा चुनाव की घोषणा होने के बाद नियुक्ति प्रक्रिया लटक जाएगी ऐसे में सरकार को चाहिए कि जल्द से जल्द सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन करा कर स्कूलों में खाली पड़े पीजीटी शिक्षकों की नियुक्ति की जाए. हजारीबाग से राजधानी रांची की सड़क पर गुहार लगाने आए निशक्त सीताराम कुमार कहते हैं कि 2022 में संयुक्त रूप से एक विज्ञापन के जरिए सभी 11 विषयों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई थी.
18 अगस्त से 10 सितंबर तक राज्य में पीजीटी शिक्षकों के लिए ऑनलाइन परीक्षा आयोजित की गई थी. ऐसे में साइंस विषयों में सफल अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देकर कहीं ना कहीं अन्य विषयों के अभ्यर्थियों के साथ नाइंसाफी की जा रही है. पीजीटी हिंदी विषय की परीक्षार्थी संगीता कहती हैं कि सरकार को चाहिए कि एक साथ सभी विषयों का परीक्षाफल निकालकर नियुक्ति पत्र सफल अभ्यर्थियों को दें. ऐसा ना हो कि 2016 के हाई स्कूल शिक्षकों की नियुक्ति परीक्षा की तरह पीजीटी के इन विषयों के साथ हो जाय.
3120 पीजीटी शिक्षकों के लिए हुई है ऑनलाइन परीक्षा