नई दिल्ली:अपनी तरह की एकमात्र पहल के तहत दिल्ली राज्य विधि सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) ने 'प्रोजेक्ट सक्षम- नई शुरुआत का अवसर' का पहला चरण पूरा कर लिया है. इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य विचाराधीन कैदियों का पुनर्वास करना है. साथ ही इन कैदियों को आवश्यक कौशल से युक्त करना भी है, ताकि उन्हें सफलतापूर्वक समाज की मुख्यधारा में लाया जा सके और उनके फिर किसी अपराध की ओर जाने की आशंका कम हो. इस पहल के तहत डीएसएलएसए ने राउज एवेन्यू कोर्ट कॉम्प्लेक्स में रोजगार मेले का आयोजन किया, जिससे इन कैदियों को विशेषरूप से हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में रोजगार प्रदान किया जा सके. इस कड़ी में हॉस्पिटैलिटी, फूड सर्विस और हेल्थकेयर सेक्टर की कंपनियों द्वारा पात्र उम्मीदवारों (विचाराधीन कैदियों) को 83 से ज्यादा नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए.
डीएसएलएसए के विशेष सचिव नवीन गुप्ता ने बताया कि मुकदमे की प्रतीक्षा में हिरासत में लिए गए व्यक्तियों को असंख्य चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इस संबंध में तत्काल कदम उठाने की जरूरत को देखते हुए डीएसएलएसए ने विचाराधीन आरोपियों के लिए 'प्रोजेक्ट सक्षम' की शुरुआत थी. पिछले साल, मैक्स हेल्थकेयर फाउंडेशन ने तिहाड़ जेल के साथ एक बड़ी कॉर्पोरेट सीएसआर साझेदारी शुरू की थी, जिससे सतत आजीविका के लिए कई विचाराधीन कैदियों को कौशल प्रशिक्षण की सुविधा मिल सके. हालांकि विचाराधीन कैदियों को अपने कौशल का उपयोग करने के बहुत कम अवसर मिलते हैं. इसीलिए जमानत पर रिहा होने के बाद भी उन्हें गरीबी और कलंक का सामना करना पड़ता है. 'प्रोजेक्ट सक्षम' का लक्ष्य इसी मुश्किल का हल निकालना है.
रोजगार मेले में हिस्सा लेने वाले सभी प्रतिभागियों ने पर्यटन एवं आतिथ्य कौशल परिषद (टीएचएससी) के दिशानिर्देशों के अनुरूप आयोजित खाद्य एवं पेय सेवा प्रबंधक पद के लिए कौशल प्रशिक्षण पूरा किया है. राष्ट्रीय व्यावसायिक प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीटी) इस राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (एनएसक्यूएफ) स्तर-4 पाठ्यक्रम के लिए प्रमाणित एजेंसी के रूप में कार्य करती है. डीएसएलएसए की अगुआई में इस प्रमाणीकरण का लाभ अब विचाराधीन कैदियों तक पहुंचाया जा रहा है, ताकि वे जमानत पर रिहा होने के बाद अच्छा जीवन जी सकें और उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाना आसान हो.
इस परियोजना पर दिल्ली उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश और डीएसएलएसए के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि प्रोजेक्ट सक्षम अंधेरे के बीच आशा की किरण बनकर उभरा है, जो उन लोगों को एक जीवन रेखा प्रदान करता है, जिन्होंने जीने की राह खो दी है. विचाराधीन अभियुक्तों के पुनर्वास और पुन:एकीकरण पर ध्यान केंद्रित करते हुए हमारा उद्देश्य, पुन: अपराध के चक्र को तोड़ना और अधिक न्यायपूर्ण व समावेशी समाज का मार्ग प्रशस्त करना है.