रांची:झारखंड के हर थाने में महिला मुंशी होने का सपना अब हकीकत में तब्दील होने जा रहा है. झारखंड के डीजीपी के निर्देश पर महिला मुंशी के लिए आवेदन पत्र जारी कर दिया गया है. आवेदन पत्र में महिला मुंशी बनने के लिए कई शर्तें भी रखी गई हैं. उन शर्तों को पूरा करने के बाद ही महिला पुलिसकर्मी थानों में मुंशी का काम कर पाएंगी.
डीजीपी का बयान (ETV BHARAT) 12 से 14 घंटे की ड्यूटी करनी होगी
थाने में मुंशी हेतु इच्छुक महिला पुलिसकर्मियों के लिए आवेदन पत्र जारी कर दिया गया है. आवेदन पत्र के ऊपर में ही यह लिखा गया है कि फॉर्म को वही महिला पुलिसकर्मी भरें जो थाना में आवश्यकता अनुसार लंबी अवधि यानी 12 से 14 घंटा कार्य करने के लिए तैयार हो. इसके लिए उन्हें अपने गृह जिला, वर्तमान पदस्थापना और इकाई का नाम लिखना है.
फार्म भरते समय यह भी लिखना है कि आपको झारखंड के कौन से स्थानीय भाषा की जानकारी है. अगर आवेदन करने वाली महिला आरक्षी को झारखंड के किसी स्थानीय भाषा की जानकारी होगी तो उनकी वैसे ही थाने में पदस्थापना होगी. जहां जनजातीय समुदाय के लोग रहते हैं. अगर महिला आरक्षी को बेहतरीन अंग्रेजी आती है तो उन्हें शहर के थानों में महिला मुंशी का काम दिया जाएगा. महिला मुंशी के पद पर आवेदन करने वाली महिला कांस्टेबल को हिंदी और अंग्रेजी टाइपिंग भी आनी चाहिए.
ऐसे महिला आरक्षी को मिलेगी वरीयता
महिला मुंशी भर्ती में ऐसी महिला आरक्षी को वरीयता दी जाएगी, जिन्हें थाने के सरिस्ता में काम करने का 5 वर्ष का अनुभव के साथ-साथ पूर्व में महिला थाना के लिए निर्भया शक्ति आरक्षी के रूप में चयन हुआ हो. आवेदन पत्र में महिला आरक्षी को यह भी जानकारी देनी है कि क्या उन्हें किसी तरह की सजा दी गई थी. इसके अलावा अगर उन्हें किसी कार्य के लिए पुरस्कृत किया गया है तो भी उसकी जानकारी आवेदन में देनी है. महिला मुंशी के लिए आवेदन करने वाली पुलिसकर्मियों को पांच जिलों का नाम भी देना है. उन्हीं पांच जिलों के एक थाने में महिला मुंशी के पद पर तैनात किया जाएगा.
महिला पुलिसकर्मी सक्षमता के अनुसार ही करें आवेदन: डीजीपी
राज्य के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने बताया कि महिला पुलिस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह तय किया गया था कि कम से कम शहर के हर थाने में महिला मुंशी की तैनाती की जाएगी. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी इस मामले को लेकर कई बार डीजीपी अनुराग गुप्ता से बात भी की थी.
डीजीपी अनुराग गुप्ता के मुताबिक थाने में जो भी महिला पुलिसकर्मी मुंशी बनकर जाए वह किसी दबाव में नहीं जाए, बल्कि खुद से तय करें कि उन्हें महिला मुंशी बनना है या नहीं. प्रभारी के बाद सबसे महत्वपूर्ण कार्य मुंशी का ही होता है. मुंशी को थाने में समय भी ज्यादा देना होता है. ऐसे में जो महिला पुलिसकर्मी 12 से 14 घंटे तक काम करने में सक्षम है. वहीं, महिला मुंशी के लिए आवेदन करें.
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