एकेटीयू के 120 करोड़ रुपये ठगने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार. (Video Credit; ETV Bharat) लखनऊ:राजधानी में अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (AKTU) के फर्जी कागजात के आधार पर बैंक में खाता खोलकर यूनिवर्सिटी के 120 करोड़ रुपए ट्रांसफर करवाने वाला मास्टरमाइंड अनुराग श्रीवास्तव गिरफ्तार कर लिया गया है. अनुराग ने अपने 7 साथियों के साथ मिलकर बीते 12 जून को ठगी की थी. जिसके बाद साइबर क्राइम पुलिस ने 7 लोगों को पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. इस मामले में अनुराग श्रीवास्तव फरार चल रहा था.
हजरतगंज की बापू भवन यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ब्रांच के मैनेजर अनुज सक्सेना ने साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी. जिसके मुताबिक, 3 जून को वो मनाली छुट्टियां मनाने गए हुए थे. इसी दौरान उनके पास डॉक्टर शैलेश कुमार रघुवंशी नाम के व्यक्ति की कॉल आई. उसने 100 करोड़ की एफडी के लिए ऑफर लेटर की मांग की. बैंक में इतनी बड़ी एफडी की बात सुन बैंक मैनेजर ने रघुवंशी को बैंक भेज दिया. इसी दौरान उनके पास एक अन्य व्यक्ति जय कुमार उर्फ एनके सिंह की कॉल आई. उसने खुद को अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ का वित्त अधिकारी बताया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में खाता खोलने से संबंधित जानकारी मांगी. जिस पर उसे भी बैंक मैनेजर ने ब्रांच में जाने को कहा.
बैंक मैनेजर अनुज के मुताबिक, उसके दूसरे दिन 4 जून को दूसरी कॉल करने वाले जय कुमार का एक आदमी ब्रांच आया और वहां एफडी का ऑफर लेटर लेकर चला गया. इसके बाद उसने यूनियन बैंक की फर्जी मेल आईडी बनाई और उससे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी की मेल आईडी पर एफडी का ऑफर लेटर भेज दिया. इतना ही नहीं, अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी की एक फर्जी मेल आईडी बनाकर बैंक की आधिकारिक मेल आईडी पर एक और ऑफर लेटर की मांग की.
बैंक मैनेजर के मुताबिक, 5 जून को अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी के अधिकृत बैंक खाते से यूनियन बैंक के खाते में 120 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए. उसी दिन खुद को यूनिवर्सिटी का वित्त अधिकारी बताने वाले जय कुमार का आदमी अनुराग श्रीवास्तव बैंक आया और मुख्य खाता अधिकारी बताते हुए यूनिवर्सिटी के कुछ फर्जी कागजात के आधार पर यूनिवर्सिटी के नाम से एक अकाउंट खुलवाया. तत्काल एक चेक बुक भी इशू करवा लिया. इसके बाद धीरे-धीरे पूरे 120 करोड़ रुपए गुजरात की श्रद्धा एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट में खाते ट्रांसफर कर दिए गए. जब बैंक में 120 करोड़ रुपए कम पाए गए तो इस पूरे लेनदेन की जांच करवाई गई. बैंक को मामला संदिग्ध लगा. इसके बाद बैंक मैनेजर अनुज सक्सेना ने साइबर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई.
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