अनूपपुर: शहडोल संभाग के अनूपपुर जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें एक मां की ममता, बहादुरी और समझदारी की झलक एक साथ देखने को मिली. उसने अपने मासूम बच्चे की मुश्किल में फंसी जान को अपनी समझदारी और तत्परता से बचा लिया. अगर उस वक्त उसने समझदारी नहीं दिखाई होती तो शायद उसके कलेजे का टुकड़ा उसके आंचल की छांव से दूर हो जाता. महिला ने अपने बेटे की जान बचाने के लिए जो भी किया वो सब उसने मोबाइल में देखकर सीखा था.
खेलते हुए साड़ी से कस गई थी गर्दन
मामला अनूपपुर जिले के संजय नगर का है. वहां रहने वाली पिंकी कुशवाहा के 3 बच्चे हैं, जिसमें सबसे छोटा बेटा 5 साल का है. उसका नाम शिवांश बताया जा रहा है. वो घर के आंगन में खेल रहा था, वहीं पर साड़ी सूख रही थी और खेल-खेल में बच्चा साड़ी से ऐसे उलझ गया की साड़ी उसके गले में कस गई और उसकी सांस अटक गई. जब उसकी मां ने अचानक देखा तो वो दौड़कर वहां आई और मासूम को हिलाया-डुलाया, जब वह नहीं उठा तो मां घबराई नहीं, बल्कि तेज दिमाग लगाते हुए और तत्परता दिखाते हुए बच्चे को सीपीआर देना शुरू कर दिया.
जब बच्चे में कोई हरकत नहीं हुई तो वह उसके मुंह में जोर-जोर से फूंक मारने लगी. इसके कुछ देर बाद ही बच्चा अचानक से उठ खड़ा हुआ. यह देख परिजन के सांस में सांस आई, इसके बाद बच्चे को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां अब पूरी तरह से स्वस्थ है.