पटना:'मैं बीपीएससी की परीक्षा देने के बाद काफी खुश था. लेकिन पेपर देने के बाद जैसे ही परीक्षा हॉल से बाहर निकला पेपर लीक की खबर ने मुझे अंदर से तोड़ दिया.'पटना के बाजार समिति इलाके में 24 साल के दीपक आज किराए के एक छोटे से कमरे में एक बाार फिर से सपने बुन रहे हैं. एक साल पहले पेपर लीक की खबर से उसके सपने चूर-चूर हो गए थे, सामने अंधेरा था कि अब घर जाकर क्या कहेंगे?. दीपक के पिता किसान हैं. सूदखोरों से कर्ज लेकर पिता ने बेटे को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए पटना भेजा था. घर में चार बहन और भाई में दीपक अकेले हैं.
पेपर लीक होने का दर्द इनसे समझिए :''मां दाई का काम करती हैं. पिता धोबी हैं. काफी गरीबी देखी है. घर से हर महीने 8 हजार रुपये आते हैं. तीन हजार कमरे का किराया, एक टाईम का खाना और बाकी का पैसा नौकरी के लिए फॉर्म भरने, दूसरे शहर परीक्षा देने के लिए जाना पड़ता है, उसमें खर्च हो जाता है.''साल 2022, बीपीएससी 67वीं प्रीलिम्स परीक्षा का पेपर लीक हुआ, परीक्षा रद्द कर दी गई. पटना के गोला रोड में 4 साल से प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे विकास के परिवार को उम्मीद थी, कि इस बार बेटा अफसर बनेगा. लेकिन पेपर लीक की खबर से पूरा परिवार टूट गया.
पेपर लीक हो गया.. और टूटा सपना :नालंदा के विरेश कुमार पटना के कुम्हरार में जनरल कंपटीशन और सिविल सर्विसेज परीक्षाओं की तैयारी करते हैं. पिछले साल झारखंड एसएससी की परीक्षा दी थी. परीक्षा देकर घर आए तो पता चला कि पेपर लीक होने से परीक्षा रद्द हो गयी है. यह कहानी सिर्फ दीपक और विरेश की नहीं, बल्कि बिहार के लाखों युवाओं का दर्द है. युवाओं के लिए सरकारी नौकरी किसी सपने से कम नहीं है. कई दिन, महीने और सालों की मेहनत के बाद एक मौका मिलता है, लेकिन पेपर लीक के बाद छात्रों का सपना चकना-चूर हो जाता है.
एंटी पेपर लीक बिल क्या है? : अब केन्द्र सरकार की मंशा यह है कि एंटी पेपर लीक के जरिए करोड़ों के काले कारोबार पर रोक लगे और देश के युवाओं का भविष्य सुरक्षित हो सके. पेपर लीक बिल के मुताबिक, अगर कोई दोषी पाया जाता है कि तो उसे 10 साल की सजा और एक करोड़ का जुर्माना लगेगा. अगर कोई किसी और के नाम पर परीक्षा में बैठेगा तो उसे 3 से 5 साल की सजा और 10 लाख जुर्माना लगेगा. अगर कोई संस्थान पेपर लीक या नकल में शामिल पाया जाता है कि तो उसकी संपत्ति जब्त की जाएगी और परीक्षा का पूरा खर्चा वसूला जाएगा.
कौन करेगा पेपर लीक की जांच? :अब साल ये है कि पेपर लीक की जांच कौन करेगा?. बिल के मुताबिक, पेपर लीक की जांच डीएसपी या सहायक पुलिस आयुक्त स्तर के अधिकारी करेंगे. साथ ही प्रतियोगिता परीक्षा में गड़बड़ी मिलने पर सरकार के पास अधिकार होगा कि वो पेपर लीक की जांच सीबीआई से करा सकें.
कौन सी परीक्षाएं बिल में शामिल? : एंटी पेपर लीक बिल के मुताबिक, प्रतियोगिता परीक्षा जैसे, रेलवे भर्ती, बीपीएससी, यूपीएससी, एसएससी, बैंकिंग परीक्षा, इंजीनियरिंग, मेडिकल और केन्द्र की परीक्षा शामिल है. लेकिन 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं में यह लागू नहीं होगा. इन परीक्षाओं को लेकर राज्य सरकार के अपने कानून हैं.
कितना बड़ा है पेपर लीक का कारोबार: बिहार में पेपर लीक कोई छोटा कारोबार नहीं है. बिहार में हर साल नौकरी के लिए ली जाने वाली परीक्षाओं पर लाखों करोड़ों रुपये खर्च किए जाते है. एक्सपर्ट की माने तो यह करीब 1000 करोड़ की इंजस्ट्री है. अकेले बिहार में पिछले 5 सालों में एक दर्जन से अधिक परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं. इससे लाखों छात्रों का करियर प्रभावित हुआ.
क्या कहते हैं शिक्षाविद? : शिक्षाविद गुरु रहमान बताते हैं कि बिहार में पेपर लीक माफिया को कानून से डर नहीं लगता है. राज्य में जितने पेपर लीक हुए हैं, उनमें सिर्फ छोटी मछली पकड़ में आई, लेकिन मगरमच्छ बाहर घूम रहा है. ऐसे में नया कानून स्वागत योग्य है और इससे निश्चित तौर पर पेपर लीक की घटनाओं में कमी आएगी.
''इस कानून के सही क्रियान्वयन से गरीब बच्चों में भी उम्मीद जगेगी की उनके पास पैसा नहीं है. फिर भी वह सरकारी नौकरी हासिल कर सकते हैं. इसके लिए वह केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हैं.''- गुरु रहमान, शिक्षाविद