मेरठः23 करोड़ का अनमोल, 10 करोड़ का गोलू 2 और 9 करोड़ का विधायक...चौंकिए मत ये किसी इंसान की कीमत नहीं है, बल्कि भैसों की कीमत है. इनकी कीमत इतनी अधिक है कि लग्जरी कारें का काफिला खड़ा हो जाएगा. इन भैसों की कीमत के साथ इनके रहन-सहन और खानपान भी राजे-रजवाड़े से कम नहीं है. दिन-रात इनकी सेवा में कई सेवादार तीमारदारी में जुटे रहते हैं. इतना ही नहीं विधायक भैंसे की सवारी भी शाही है. जिस गाड़ी में विधायक को लाया और ले जाया जाता है, उसमें एसी से लेकर अन्य सुविधाएं मौजूद हैं. अनमोल भैंसे की कीमत तो ये सभी बेशकीमती भैंसे इस समय मेरठ के सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि विश्वविद्यालय में शुरू हुए तीन दिवसीय अखिल भारतीय कृषि मेले की शान बढ़ा रहे हैं. इन भैसों के बारे में जानने और देखने के लिए लोग इच्छुक हैं.
मंत्री भैंसा भी हो रहा तैयारःगोलू 2 और विधायक के मालिक पशुपालक पद्मश्री नरेन्द्र सिंह ने ETV Bharat से बातचीत में बताया कि वह लगातार पशुओं की नस्ल सुधार के लिए काम करते हैं. पिछले 25 साल से वह मुर्रा नस्ल की भैंस पालते आ रहे हैं. दो साल के बाद मेरठ के कृषि मेले में आए हैं. नरेन्द्र सिंह ने बताया कि उनके घर में गोलू 2 मुर्रा नस्ल के भैंस की तीसरी पीढ़ी है. इसके दादा का गोलू -2 के पिता को उन्होंने हरियाणा सरकार को तैयार करके खासकर मुर्रा प्रजाति की भैंस की नस्ल सुधार के लिए डोनेट किया था. इसके बाद अब तक हजारों अच्छी नस्ल के बच्चे तैयार करने में योगदान दे चुके हैं. उन्होंने बताया कि अब गोलू 2 लगभग 8 साल का हो गया है. जबकि गोलू टू का बेटा विधायक भी तैयार किया है, जिसकी उम्र करीब 4 साल है. यह भी अपने पिता की तरह कमाऊ पूत है.
बच्चों से अधिक प्यार करते हैंःदस करोड़ कीमत के गोलू 2 की लंबाई 15, ऊंचाई करीब साढ़े पांच और चौड़ाई पौने चार फीट है. इसका वजन करीब 1200 किलोग्राम है. नरेंद्र बताते हैं कि गोलू -2 हो और उसके बेटे विधायक को अपने बच्चों से ज्यादा प्यार इन्हें करते हैं. क्योंकि देश में आज इनकी वजह से ही उनकी भी पहचान और इज्जत है.
गोलू 2 ने अब तक 40 हजार उत्तराधिकारी दिएःनरेंद्र बताते हैं कि पानीपत जिले के डिडवारी गांव का नाम आज हर पशुपालक जान गया है. अकेले गोलू सेकंड ने अब तक 40 हजार के करीब अपने जैसे हृष्ट-पुष्ट उत्तराधिकारी पैदा कर दिए हैं. गोलू के सीमन की देशभर में डिमांड है. लेकिन वह किसी सप्लायर को नहीं बल्कि किसान व पशुपालकों को ही सीमन देना पसंद करते हैं. नरेंद्र ने बताया कि भैंसे विधायक की मां को अपने एक जानकार विधायक के यहां से लाए थे. जिसके बाद उस भैंस के बच्चे को विधायक का नाम दिया है. अब विधायक के सीमन से भी एक बच्चे को पैदा करके पाल रहे हैं, उसका नाम मंत्री रख दिया है.