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अनीता चौधरी हत्याकांड : महापंचायत से पहले भजनलाल सरकार ने की जांच CBI से करवाने की अनुशंसा - CRIME IN JODHPUR

अनीता चौधरी हत्याकांड में भजनलाल सरकार का बड़ा फैसला. 1 दिसंबर को महापंचायत से पहले जांच सीबीआई से करवाने की अनुशंसा.

Anita Choudhary Murder Case
अनीता चौधरी हत्याकांड (ETV Bharat Jodhpur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 29, 2024, 10:51 PM IST

जोधपुर: अनीता चौधरी हत्याकांड मामले में धरना समाप्त होने के लंबे समय बाद और सरकार द्वारा मांगें मान लिए जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं करने के विरोध में 1 दिसंबर को महापंचायत से पहले राज्य सरकार ने हत्याकांड की जांच सीबीआई से करवाने की अनुशंसा कर दी है. इस मामले में सरकार और धरना देने वालों के बीच कड़ी बने ओसियां विधायक भेराराम सियोल ने इसकी पुष्टि की है.

सियोल ने बताया कि भजनलाल सरकार ने गत दिनों जोधपुर में हुए अनीता चौधरी हत्याकांड पर राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखते हुए सीबीआई जांच की अनुशंसा कर दी है.
उल्लेखनीय है कि हाल ही में इस मामले को धरना देने वालों ने एक दिसंबर को महापंचायत का ऐलान किया था, जिसमें नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के शामिल होने की बात भी कही गई.

पढ़ें :अनीता चौधरी हत्याकांड : परिजन बोले- CBI को ही देंगे बयान, गुलामुद्दीन का पॉलीग्राफ टेस्ट से इनकार

महापंचायत आयोजन से जुड़े संपत पूनिया ने बताया कि सरकार की ओर से न तो अभी तक मुआवजा दिया गया और न ही पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई. इसलिए महापंचायत करेंगे. ज्ञात रहे कि 19 नवंबर को नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल, विधायक भेराराम सियोल सहित अधिकारियों की बैठक के बाद धरना समाप्त हुआ था. जिसमें सीबीआई जांच, मुआवजा और डीसीपी को हटाने की घोषणा हुई थी.

यह था मामला : ब्यूटीशियन अनीता चौधरी 27 अक्टूबर को अपने पार्लर से एक ऑटो लेकर चौक स्थित गुलामुद्दीन के घर गई थी. वहीं, 30 अक्टूबर को उसका शल गुलामुद्दीन के घर के बाहर एक गड्ढे से बरामद हुआ, जिसके 6 टुकड़े हो रखे थे. इसके बाद परिजन धरने पर बैठ गए. पुलिस ने 6 नवंबर को गुलामुद्दीन को मुंबई से पकड़ लिया, लेकिन परिजन सीबीआई जांच की मांग को लेकर पोस्टमार्टम नहीं करवाने पर अड़े रहे. बाद में पुलिस ने खुद पोस्टमार्टम करवाया. इससे गतिरोध बढ़ गया और धरना तेज हो गया. 19 नवंबर को नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की मौजूदगी में समझौता होने के बाद धरना समाप्त हुआ था.

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