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प्रदेश में 31 दिसंबर तक चलेगी पालतू पशुओं की 21वीं गणना, मोबाइल एप में फीड होगा डाटा - himachal Animal census - HIMACHAL ANIMAL CENSUS

himachal Animal census: हिमाचल प्रदेश में 21वीं पशु गणना शुरू हो चुकी है. ये गणना 31 दिसंबर तक चलेगी. गणना के दौरान गाय, भैंस, भेड़, बकरी, मुर्गियां आदि जो पशुपालकों ने अपने घरों में पाल रखे हैं उन सभी का ऑनलाइन डाटा मोबाइल ऐप में फीड किया जा रहा है.

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कॉन्सेप्ट इमेज (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Sep 14, 2024, 3:37 PM IST

31 दिसंबर तक चलेगी पशुगणना (ETV BHARAT)

हमीरपुर: प्रदेश में पालतू पशुओं की 21वीं गणना 1 सितंबर से शुरू हो गई है. ये गणना 31 दिसंबर तक चलेगी. पशुपालन विभाग अब ऑनलाइन माध्यम से पशुओं का डाटा तैयार करेगा. हमीरपुर पशुपालन विभाग ने भी पालतू पशुओं की गणना के लिए खाका तैयार करके इस दिशा में काम शुरू कर दिया है. पशुपालन विभाग ने पशुपालकों से पालतू पशुओं का सही डाटा देने की अपील की है, ताकि पशुओं की सही गणना हो सके.

बता दें कि पशुपालन विभाग प्रदेश भर में गांव-गांव जाकर पालतू पशुओं की गणना कर रहा है. गांव में गाय, भैंस, भेड़, बकरी, मुर्गियां आदि जो पशुपालकों ने अपने घरों में पाल रखे हैं उन सभी का डाटा ऑनलाइन ऐप में फीड किया जा रहा है. प्रदेश में कितने पालतू जानवर हैं, इससे अब पशुओं का सही डाटा मिल सकेगा. हमीरपुर में भी पशुपालन विभाग के फार्मासिस्ट मैपिंग के जरिए गांव में सर्वे कर रहे हैं. सर्वे में घर के मुखिया का नाम, जाति, शिक्षा इत्यादि डाटा को भी अपलोड किया जा रहा है और घर में कौन-कौन पशु किस नस्ल के हैं यह सब ऑनलाइन फीड हो रहा है. प्रदेश भर में पशुओं की 20वीं गणना वर्ष 2017-18 में की गई थी और अब छह वर्ष बाद दोबारा ये गणना की जा रही है.

पशुपालन विभाग हमीरपुर के उपनिदेशक डॉ. अजय कुमार सिंह ने बताया कि, 'हर 5 से 6 वर्ष बाद पशु गणना की जाती है. 21वीं पशु गणना पहली सितंबर से शुरू हो गई है और 31 दिसंबर तक चलेगी. 21वीं पशु गणना में 21प्रकार की प्रकिया अपनाई जाएगी. मोबाइल ऐप से पशुओं का डाटा ऑनलाइन अपलोड किया जाएगा. पशु औषधि योजक,पशु चिकित्सा अधिकारी, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी इस गणना में शामिल हैं. राज्य स्तर के शिमला में नोडल अधिकारी हैं वो पूरे प्रदेश की गणना की देख-रेख करेंगे. इसमें सभी प्रकार के पशुओं को गणना होनी है, जिसमें पोल्ट्री भी शामिल हैं. इन गणना के आंकड़ों से प्रदेश को बहुत लाभ होगा. पॉलिसी मेकिंग के समय विभाग को किस तरह से वित्तिय सहायता दी जाएगी. इसका ध्यान इस गणना के आंकड़ों से रखा जाएगा.'

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