रांची: 28 जनवरी को जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा रद्द होने के बाद छात्रों में आक्रोश है. छात्र संगठनों की ओर से राज्य सरकार और जेएसएससी के अध्यक्ष का पुतला दहन किया जा रहा है. जेएसएससी सीजीएल की प्रतियोगिता परीक्षा रद्द होने से नाराज छात्र संगठनों ने बुधवार को जेएसएससी मुख्यालय का घेराव करने का ऐलान किया है.
आक्रोशित छात्रों ने मामले में कार्रवाई की मांग कीः जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा रद्द होने के बाद झारखंड स्टेट स्टूडेंट यूनियन के छात्र नेता मनोज कुमार ने बताया कि जिस प्रकार से तीन लाख छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है, वो निश्चित रूप से राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है. छात्रों के प्रदर्शन का समर्थन कर रहे मनोज कुमार ने कहा कि राज्य सरकार नकल के खिलाफ कानून लाकर नकल को बढ़ावा देने वाले लोगों पर कार्रवाई करने की बात कहती है, लेकिन 28 जनवरी को हुई जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा का प्रश्न पत्र आलू-प्याज की तरह बांट दिया गया, लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं की गई.
25-25 लाख लेकर छह हजार परीक्षार्थियों को प्रश्न पत्र बेचने का आरोपःवहीं मौके पर मौजूद छात्र नेता देवेंद्र महतो ने दावा करते हुए कहा कि करीब छह हजार परीक्षार्थियों से 25-25 लाख रुपए लेकर प्रश्न पत्र बेचा गया था. इसमें जेएसएससी के कई बड़े अधिकारियों और कर्मचारियों की संलिप्ता है, लेकिन इसके बावजूद भी सरकार अभी तक आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के मामले की छात्रों ने सीबीआई जांच की मांग की है.
2017 और 2018 में भी रद्द हुई थी जेएसएससी सीजीएल की परीक्षाः बता दें कि वर्ष 2017 और 2018 में भी जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा रद्द हो गई थी, लेकिन वर्ष 2024 में जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा का फॉर्म निकलने के बाद युवाओं को रोजगार मिलने की उम्मीद जगी थी. 28 जनवरी की देर शाम परीक्षा रद्द होने के बाद छात्रों में फिर से मायूसी छा गई है. अब देखने वाली बात होगी कि छात्रों के विरोध-प्रदर्शन के बाद 28 जनवरी को जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक मामले में क्या कार्रवाई होती है.