नई दिल्ली:इन दिनों प्रदूषण के चलते दिल्ली-एनसीआर गैस चैंबर में तब्दील हो गया है. हालात यह हैं कि एक तरफ वायुमंडल में खतरनाक गैसों की मात्रा बढ़ रही है, तो वहीं दूसरी तरफ अच्छी गैसों की मात्रा कम हो रही है. इससे लोगों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ रहा है. सबसे ज्यादा चिंताजनक स्थिति फेफड़े से संबंधित बीमारी के मरीजों के लिए बनी हुई है.
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) की सोमवार सुबह की वायु गुणवत्ता रिपोर्ट में वायुमंडल में गैसों की चिंताजनक सांद्रता (कॉन्संट्रेशन) सामने आई है. अमोनिया और नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसी गैस मानक के भीतर हैं, लेकिन बेंजीन की मात्रा निर्धारित मानक से अधिक पाई गई है. यह गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा कर सकती है.
हवा हुई जहरीली: इस बारे में पर्यावरणविद् मनु सिंह ने कहा, दिल्ली में प्रदूषण की वजह से वायु की गुणवत्ता दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है. इसके रोकथाम के लिए ग्रैप (ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान) का चौथा चरण भी लागू कर दिया गया है. लेकिन इनका कुछ खास असर नहीं दिख रहा है. दिल्ली की हवा विषाक्त हो गई है और हवा में सल्फर डाइऑक्साइड की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ गई है, जो बेहद चिंताजनक है. यह न केवल हमारे श्वास तंत्र पर नकारात्मक प्रभाव डालता है, बल्कि हृदय और चर्म रोग से संबंधित बीमारियों को भी बढ़ाता है.