अशोकनगर।गुना लोकसभा क्षेत्र से प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया के पक्ष में प्रचार करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह जिले की पिपरई तहसील में पहुंचे. जहां उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को महाराज कहते हुए उनके लिए आम जन से मतदान करने की अपील की. इसके साथ ही उन्होंने मंच से पूर्व सांसद केपी यादव की भी जमकर तारीफ की. वहीं उन्होंने कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा.
राजा साहब के लिए वोट मांगने आया हूं
मंच से आम सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 'मैं राजा साहब के लिए वोट मांगने आया हूं. ज्योतिरादित्य सिंधिया मेरे मित्र भी हैं. उन्होंने आमजन से कहा कि आप एक बात याद रखना ज्योतिरादित्य सिंधिया को दिया हुआ एक-एक वोट नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाएगा. कई क्षेत्र में मैं जाता हूं तो लोग कहते हैं कि हमारे सांसद को आप आगे बढ़ाना. हम उसे जिता कर भेजेंगे, लेकिन आपको पीएम मोदी ने बना बनाया केंद्रीय मंत्री सिंधिया को यहां चुनाव लड़ने के लिए भेजा है. प्रचंड बहुमत से सिंधिया को जिताना आपका काम है.'
मंच से केपी यादव को लेकर कहीं यह बड़ी बात
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 'आज कह कर जाता हूं, कि केपी यादव ने इस क्षेत्र की बहुत अच्छी सेवा की है. केपी यादव की चिंता मुझ पर छोड़ दीजिए. आपको उनकी चिंता करने की जरूरत नहीं. भारतीय जनता पार्टी हमारे भाई केपी यादव के भविष्य की और केपी यादव को आगे बढ़ाने की सभी प्रकार की चिंता करेगी. अमित शाह ने कहा कि गुना वालों को दो-दो नेता मिलेंगे. ज्योतिरादित्य भी मिलेंगे और केपी यादव भी मिलेंगे.'
अमित शाह ने कांग्रेस पर बोल हमला
वहीं उन्होंने कांग्रेस पर जमकर कटाक्ष करते हुए कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कहते हैं. एमपी, राजस्थान वालों को कश्मीर से क्या लेना देना..? 'अरे खरगे साहब आप इस देश को नहीं जानते..? गुना का बच्चा-बच्चा कश्मीर के लिए जान भी देने के लिए तैयार है.' उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि 'यह कांग्रेस पार्टी अनुच्छेद 370 को अपने बच्चों की तरह गोद में खिलाती रही है. पीएम मोदी ने 5 अगस्त 2019 को एक झटके में 370 को समाप्त कर दिया. राहुल बाबा मुझे डराते थे, कि 370 मत हटाओ, मत हटाओ. खून की नदियां बह जाएंगी. अरे राहुल बाबा यह कांग्रेस की सरकार नहीं है. नरेंद्र मोदी की सरकार है. 5 साल हो गए खून की नदियां छोड़ो, कंकड़ चलाने की हिम्मत भी नहीं हुई.'