लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के भीतर अनेक सीटों पर विद्रोह की स्थिति है. उनमें से रायबरेली लोकसभा क्षेत्र एक बड़ा उदाहरण बन गया है. यहां भाजपा प्रत्याशी से नाराजगी बहुत ज्यादा है. खासतौर पर रायबरेली सदर सीट की विधायक अदिति सिंह ने भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जमीन से लेकर सोशल मीडिया तक उनका विरोध जारी है. उनका वह ट्वीट बहुत मशहूर हो रहा है. जिसमें उन्होंने अपने दिवंगत पिता अखिलेश प्रताप सिंह के साथ की तस्वीर पोस्ट की है. साथ ही लिखा है उसूलों से कोई समझौता नहीं किया जा सकता.
दिनेश सिंह और अखिलेश सिंह के बीच दुश्मनी के चर्चे रायबरेली में आम हैं. भले ही अखिलेश सिंह अब इस दुनिया में न हों, मगर उनकी बेटी अदिति सिंह ने दुश्मनी की इस विरासत को संभाले हुए रखा है. दूसरी ओर अमित शाह रविवार को रायबरेली पहुंचे और यहां उन्होंने समाजवादी पार्टी के ऊंचाहार सीट से विधायक मनोज पांडेय के आवास पर चाय पी. अमित शाह की जनसभा में अदिति सिंह भी पहुंची. अदिति सिंह के यहां पहुंचने के बावजूद इस बात की कोई गारंटी रायबरेली में भारतीय जनता पार्टी संगठन नहीं दे रहा है कि वह आगे लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी उम्मीदवार का समर्थन करेंगी. जिससे रायबरेली में भारतीय जनता पार्टी के लिए स्थिति ठीक नहीं है. वैसे भी इस लोकसभा क्षेत्र में अधिकांश विधायक भारतीय जनता पार्टी के नहीं हैं. जिससे दिनेश प्रताप सिंह के लिए हालात और कमजोर हो चुके हैं.
कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में से एक राहुल गांधी ने अमेठी सीट छोड़कर इस बार रायबरेली से चुनाव लड़ने का एलान किया है. भारतीय जनता पार्टी ने स्थानीय नेता और वर्तमान में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है. सोनिया गांधी के खिलाफ वर्ष 2019 में दिनेश प्रताप सिंह ने अच्छा चुनाव लड़ा था और वह सोनिया गांधी को मात्र 165000 के अंतर से जीत पर सीमित कर चुके हैं. हालांकि इस बार दिनेश प्रताप सिंह के लिए स्थितियां शुरू से ही ठीक नहीं हैं.