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रायबरेली में भाजपा संगठन की टूटी डोर को कितना जोड़ पाए अमित शाह - Amit Shah in Raebareli - AMIT SHAH IN RAEBARELI

रायबरेली में भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह को लेकर विधायक अदिति सिंह के तेवर काफी तल्ख हैं. सोशल मीडिया पर दोनों के बीच तल्खी देखी जा सकती है. इस बीच रविवार को रायबरेली पहुंचे गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah in Raebareli) इस खाई को पाटने में कितना सफल रहे यह चुनाव में ही दिखेगा.

रायबरेली पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह.
रायबरेली पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह. (Photo Credit ; Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 13, 2024, 8:13 AM IST

लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के भीतर अनेक सीटों पर विद्रोह की स्थिति है. उनमें से रायबरेली लोकसभा क्षेत्र एक बड़ा उदाहरण बन गया है. यहां भाजपा प्रत्याशी से नाराजगी बहुत ज्यादा है. खासतौर पर रायबरेली सदर सीट की विधायक अदिति सिंह ने भाजपा प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जमीन से लेकर सोशल मीडिया तक उनका विरोध जारी है. उनका वह ट्वीट बहुत मशहूर हो रहा है. जिसमें उन्होंने अपने दिवंगत पिता अखिलेश प्रताप सिंह के साथ की तस्वीर पोस्ट की है. साथ ही लिखा है उसूलों से कोई समझौता नहीं किया जा सकता.

दिनेश सिंह और अखिलेश सिंह के बीच दुश्मनी के चर्चे रायबरेली में आम हैं. भले ही अखिलेश सिंह अब इस दुनिया में न हों, मगर उनकी बेटी अदिति सिंह ने दुश्मनी की इस विरासत को संभाले हुए रखा है. दूसरी ओर अमित शाह रविवार को रायबरेली पहुंचे और यहां उन्होंने समाजवादी पार्टी के ऊंचाहार सीट से विधायक मनोज पांडेय के आवास पर चाय पी. अमित शाह की जनसभा में अदिति सिंह भी पहुंची. अदिति सिंह के यहां पहुंचने के बावजूद इस बात की कोई गारंटी रायबरेली में भारतीय जनता पार्टी संगठन नहीं दे रहा है कि वह आगे लोकसभा क्षेत्र में बीजेपी उम्मीदवार का समर्थन करेंगी. जिससे रायबरेली में भारतीय जनता पार्टी के लिए स्थिति ठीक नहीं है. वैसे भी इस लोकसभा क्षेत्र में अधिकांश विधायक भारतीय जनता पार्टी के नहीं हैं. जिससे दिनेश प्रताप सिंह के लिए हालात और कमजोर हो चुके हैं.

कांग्रेस के वरिष्ठतम नेताओं में से एक राहुल गांधी ने अमेठी सीट छोड़कर इस बार रायबरेली से चुनाव लड़ने का एलान किया है. भारतीय जनता पार्टी ने स्थानीय नेता और वर्तमान में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है. सोनिया गांधी के खिलाफ वर्ष 2019 में दिनेश प्रताप सिंह ने अच्छा चुनाव लड़ा था और वह सोनिया गांधी को मात्र 165000 के अंतर से जीत पर सीमित कर चुके हैं. हालांकि इस बार दिनेश प्रताप सिंह के लिए स्थितियां शुरू से ही ठीक नहीं हैं.

वर्ष 2022 विधानसभा चुनाव से पहले दिवंगत अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई थीं. वर्ष 2017 के चुनाव में अदिति सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था. इस बार में बीजेपी से चुनाव लड़ीं और उनको फिर से जीत मिली है, लेकिन अपने पिता के पुराने दुश्मन दिनेश प्रताप सिंह का लोकसभा चुनाव में समर्थन करने को लेकर वह पूरी तरह से तैयार नहीं हैं. कुछ जनसभाओं में दिखावे के लिए आने के बाद आखिरकार सोशल मीडिया पर उनका गुस्सा देखा जा सकता है. उन्होंने पिता के साथ तस्वीर पोस्ट की और लिखा कि उसूलों से समझौता नहीं.

अदिति सिंह के ट्वीट के जवाब में दिनेश प्रताप सिंह के परिवार ने भी सोशल मीडिया पर प्रचार शुरू किया कि रामकाज में उसूलों को न्यौता नहीं इज्जत भी मिलेगी तारीफें भी मिलेंगी, मेहनत करके तो देखो आपको कामयाबी में मिलेगी सीताराम. दिनेश प्रताप सिंह की एक पुरानी चिट्ठी भी वायरल की जा रही है. इस अनोखी अदावत के बीच अमित शाह जब रायबरेली रविवार को पहुंचे तो यहां जनसभा में अदिति सिंह और भारतीय जनता पार्टी का पूरा अमला एकजुट जरूर नजर आया. अमित शाह ने समाजवादी पार्टी का दामन छोड़कर भारतीय जनता पार्टी के समर्थन में उतरे ऊंचाहार सीट से विधायक मनोज पांडेय के आवास पर जाकर चाय भी पी. अमित शाह यहां भाजपा को एकजुट करने का प्रयास करके गए हैं. इसके बावजूद यह देखने वाली बात होगी कि अदिति सिंह अपने परिवार के पुराने दुश्मन दिनेश प्रताप सिंह का कितना समर्थन कर पाएंगी.


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