छत्तीसगढ़

chhattisgarh

जन्मजात हृदय रोग है तो जल्द इस अस्पताल में पहुंचे, मुफ्त में होगा पूरा इलाज

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 14, 2024, 4:12 AM IST

World Congenital Heart Defect Awareness Day 2024 अगर आपका बच्चा जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित है, उसमें जन्मजात हृदय रोग के लक्षण दिखाई देते हैं. लेकिन आप उस बच्चे का इलाज करनाे में आर्थिक रूप से सक्षम नहीं है. ऐसे में घबराएं नहीं. आज विश्व जन्मजात हृदय दोष जागरूकता दिवस पर हम बताने जा रहे हैं सरगुजा के ऐसे अस्पताल के बारे में, जहां आपके बच्चे का इलाज सरकार की योजना और सत्य साईं ट्रस्ट के योगदान से डॉक्टर पूरी तरह निशुल्क में करेंगे. Ambikapur Medical College Hospital

Free Treatment For Congenital Heart Disease
जन्मजात हृदय रोग का मुफ्त इलाज

अंबिकापुर एमसीएच में जन्मजात हृदय रोग का मुफ्त इलाज

सरगुजा: जन्मजात हृदय रोग एक बड़ी समस्या है. इसलिए इसके प्रति जागरूक और सतर्क रहने की जरूरत है. इस समस्या से लोगों को निजात दिलाने के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं. आदिवासी बाहुल्य सरगुजा में इस रोग के इलाज की सुविधाएं हैं. सरकार की योजना और सत्य साईं ट्रस्ट के योगदान से सरगुजा में यह संभव हो सका है. यहां बच्चों की हार्ट सर्जरी निशुल्क की जाती है.

विश्व जन्मजात हृदय दोष जागरूकता दिवस 2024: जन्मजात हृदय दोषों के बारे में लोगों का ध्यान आकर्षित करने और उन्हें शिक्षित करने के लक्ष्य के साथ हर साल 14 फरवरी को विश्व जन्मजात हृदय दोष जागरूकता दिवस नामक एक उत्सव मनाया जाता है. जन्मजात हृदय रोग विभिन्न प्रकार के जन्मजात दोषों के लिए एक व्यापक शब्द है. जब हृदय या हृदय के करीब की रक्त वाहिकाएं जन्म से पहले सामान्य रूप से विकसित नहीं होती हैं, तो जन्मजात हृदय दोष होता है. इन हृदय दोष कैसे उपजते है, इसकी वजह अभी भी एक रहस्य है.

कार्डियक हार्ट डिजीज के लक्षण: बच्चा खूब खाने पीने के बाद भी ग्रो नहीं कर रहा है, बार बार सर्दी-खांसी और निमोनिया हो रहा है, बच्चा रोता ही रहता है, उसके हाथ पैर नीले होते है. यह कार्डियक हार्ट डिजीज के लक्षण हैं. ऐसे में घबराएं नहीं. आपके बच्चे का इलाज अंबिकापुर के डॉक्टर पूरी तरह निशुल्क करेंगे. यह सरकार की योजना और सत्य साईं ट्रस्ट के योगदान से किया जा रहा है.

चिरायु योजना कर रही रोगियों की मदद: स्वास्थ्य विभाग की चिरायु योजना के तहत ग्राउंड स्टाफ स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्रों में जाकर ऐसे बच्चों की पहचान करता है. बच्चे को कंजनाइटल हार्ट डिजीज सस्पेक्टेड होने पर उन बच्चों को अंबिकापुर मेडिकल कालेज अस्पताल लाया जाता है. मरीज को लाने और ले जाने की व्यवस्था भी चिरायु टीम को करना होता है. यहां पीडियाट्रिक ईको मशीन लगी हुई है, जिसमे शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ स्मिता परमार छोटे बच्चों के हार्ट की जांच करती हैं.

चिरायु की टीम बच्चों को यहां लेकर आती है, जो कंजनाइटल हार्ट डिजीज सस्पेक्ट होते हैं. यहां उनका ईको करने के बाद जो बच्चे गंभीर होते हैं, जिनको सर्जरी की जरूरत होती हैं, उनको रेफर कर दिया जाता है. अभी 100 से 150 बच्चे होंगे, जिनका यहीं पर इलाज किया जा रहा है. पिछले साल भर में 48 बच्चों को सत्य साईं रेफर किया गया था, जहां उनकी सर्जरी हुई और वो अब स्वस्थ हैं. - डॉ स्मिता परमार, शिशु रोग विशेषज्ञ

पीडियाट्रिक ईको मशीन का मिल रहा लाभ: का शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ स्मिता परमार ने सत्य साईं ट्रस्ट के रायपुर स्थित अस्पताल में ट्रेनिंग लिया. सत्य साईं ट्रस्ट के ही प्रयास से टाटा ट्रस्ट ने पीडियाट्रिक ईको मशीन अम्बिकापुर में स्थापित किया. डॉ स्मिता परमार ने बताया कि यह ट्रेनिंग प्रदेश में सिर्फ दो लोगों को दी गई थी. एक सरगुजा और एक बस्तर के लिये. सत्य साई ट्रस्ट के अस्पताल में इलाज से लेकर हर सुविधाएं फ्री होती हैं. यहांं ओपीडी पेशेंट तक को खाना फ्री में मिलता है.

यहां से रेफर किये गए मरीजों को चिरायु की टीम लेकर आती है और इलाज कराने के बाद वापस घर छोड़ती है. टीम समय समय पर फॉलोअप लेने भी मरीज के घर जाती है. इस बीच आने जाने, रुकने और खाने तक का सारा खर्च चिरायु योजना से किया जाता है. जबकि हार्ट की सर्जरी कई अलग अलग प्रकार की होने लगी है, लेकिन फिर भी प्राइवेट अस्पतालों में अनुमानित एक से चार लाख रुपये लग ही जाते हैं. - डॉ स्मिता परमार, शिशु रोग विशेषज्ञ

हर महीने आ रहे करीब 25 से 30 केस: सरगुजा में इस विशेष पहल की शुरुआत की बात करें, तो 16 जून 2022 में यहां पीडियाट्रिक ईको मशीन शुरू हुई. जून 2022 से दिसम्बर 2022 तक यहां 301 केस लाये गये, जिनमे 204 हार्ट के मरीज थे. जबकि नॉर्मल हार्ट डिजीज के 97 मरीज थे. 2023 में जनवरी से दिसंबर 2023 तक 377 मरीज यहां लाये गये. जिसमें 266 हार्ट के मरीज, नॉर्मल हार्ट डिजीज के 111 मरीज रहे. जिसके बाद जनवरी 2024 में नये 29 केस लाये गये, जिनमे 16 हार्ट डिजीज डिटेक्ट किये गये हैं. सरगुजा संभाग में हर महीने करीब 25 से 30 केस का अनुपात है.

हसदेव जंगल में पेड़ कटाई पर चर्चा की मांग, सदन में विपक्ष का हंगामा, विधानसभा अध्यक्ष ने कहा- ये बजट सत्र
कोरिया में चोरों का आतंक, राशन दुकान से 15000 किलो चावल और 150 किलो शक्कर ले उड़े चोर
शिक्षक भर्ती की ऑनलाइन काउंसिलिंग 08 से 10 फरवरी तक, 1342 अभ्यर्थी होंगे शामिल

ABOUT THE AUTHOR

...view details