गया: सावन का अत्यंत पावन महीना 22 जुलाई से शुरू हो रहा है. गया के वजीरगंज के हंसराज पर्वत पर 50 फीट का भगवान भोलेनाथ का मंदिर है. इस मंदिर के गर्भगृह में भगवान भोलेनाथ का शिवलिंग स्थापित है. यह शिवलिंग 4 फीट चौड़ाई और 3 फीट की लंबाई में है. इस शिवलिंग की महिमा इतनी है कि कई राज्यों से लोग शिवलिंग के दर्शन करने के लिए आते हैं.
आपरूपी हुआ शिवलिंग प्रकट: यहां लोगों का विश्वास शिवलिंग से जुड़ा हुआ है. यहां के लोग बताते हैं कि शुरू में शिवलिंग को देखकर कुछ शासकों के द्वारा शिवलिंग को मूल स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर करने का प्रयास किया गया, लेकिन यह शिवलिंग खुद यथास्थान पर स्थापित हो जाता था. ग्रामीण बताते हैं कि पूर्वज हमें इस शिवलिंग से जुड़ी इस तरह की कहानी सुनाते रहे हैं.
हंसराज पहाड़ी पर स्थापित है मंदिर:गया के वजीरगंज प्रखंड अंतर्गत हसरा गांव के समीप हंसराज पहाड़ी (हसरा पहाड़ी) पर अद्भुत और मन्नत पूरी करने वाला शिवलिंग है. यहां हर साल काफी संख्या में भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने आते हैं. इस मंदिर की आस्था की प्रसिद्धी काफी दूर-दूर तक फैली हुई है. यही वजह है, कि यहां कई राज्यों से लोग भगवान भोलेनाथ के इस अद्भुत शिवलिंग के दर्शन करने को आते हैं.
भक्तों का करते है मुराद पुरी:गांव के नरेश यादव बताते हैं कि"भगवान भोलेनाथ भक्तों की भी मन्नतें पूरी करते हैं. इस तरह वजीरगंज के हसरा में इस पहाड़ी पर स्थित यह विशाल शिवलिंग भक्तों के बीच आस्था का बड़ा सबब होता है. वही, भक्त दूर-दूर से दर्शन करने के लिए यहां पहुंचते हैं. अब कांंवरियों के रूप में भी भक्त गया आने लगे हैं."
पहाड़ी की बीच चोटी पर है विशाल शिव मंदिर: पहाड़ी के बीच की चोटी पर यह विशाल शिव मंदिर है. मंदिर का जीर्णोद्धार 1944 में सोनपुर के जमीदार शासक निशु नारायण सिंह ने कराया था. बताया जाता है कि निशु नारायण सिंह जब भ्रमण करते हुए पहाड़ी की चोटी पर गए थे. उनकी निगाह इस विशाल शिवलिंग पर पड़ी थी. उन्होंने यहां मंदिर बनवाया और सौंंदर्यीकरण का काम भी करवाया. इसके बाद से मंदिर की प्रसिद्धी काफी बढ़ती चली गई.