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Rajasthan: अलवर व भरतपुर के लोग भी दीपावली पर कर सकेंगे आतिशबाजी, सरकार ने दी अनुमति

अलवर और भरतपुर जिलों के लोग अब दिवाली पर पटाखे जला सकेंगे. सरकार की ओर से ग्रीन आतिशबाजी करने की अनुमति दी गई है.

दीपावली पर कर सकेंगे आतिशबाजी
दीपावली पर कर सकेंगे आतिशबाजी (ETV Bharat (Symbolic Photo))

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 4 hours ago

अलवर :अलवर और भरतपुर जिलों के लोग अब दीपावली पर आतिशबाजी कर सकेंगे. राज्य के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने दीपावली पर ग्रीन आतिशबाजी करने के आदेश जारी किए हैं. एनसीआर में वायु प्रदूषण में कमी के लिए पटाखों की बिक्री, उपयोग पर नियंत्रण एव विनिमय के लिए सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी एवं वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग नई दिल्ली की ओर से समय-समय पर आदेश जारी किए जाते रहे हैं. इन्हीं आदेशों की पालना में राज्य सरकार के गृह विभाग की ओर से भी पटाखों की बिक्री एवं उपयोग को लेकर पूर्व में आदेश जारी किए गए. गृह विभाग के आदेशानुसार केवल ग्रीन आतिशबाजी के उपयोग व चलाने की अनुमति दी गई है.

राज्य के विशिष्ट सचिव बीजो जॉय की ओर से 26 अक्टूबर को जारी आदेश में एनसीआर में ग्रीन पटाखे चलाने की अनुमति जारी की गई है. इन आदेशों में ग्रीन आतिशबाजी चलाने के लिए कुछ स्थानों को प्रतिबंधित किया गया है. इनमें शांत जोन अस्पताल, नर्सिंग होम, प्राथमिक एवं जिला स्वास्थ्य केन्द्र, शिक्षण संस्थाएं, न्यायालय एवं धार्मिक स्थलों से 100 मीटर के क्षेत्र में पटाखे चलाने को प्रतिबंधित किया गया है. वहीं, दीपावली, गुरु पर्व आदि पर पटाखे रात 8 से 10 बजे तक ही जलाने की अनुमति होगी. क्रिसमस एवं नव वर्ष के अवसर पर पटाखे रात 11.55 से 12.30 बजे तक ही जलाने की अनुमति रहेगी. एनसीआर एवं निकटवर्ती क्षेत्र की परिधि में दीपावली एवं अन्य त्योहारों पर पटाखे जलाने के लिए क्षेत्र चिन्हित करने होंगे. विवाह समारोहों में भी उन्नत किस्म एवं हरित किस्म के पटाखों का उपयोग किया जाए.

सरकार ने दी अनुमति (ETV Bharat)

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दिल्ली का प्रदूषण अलवर पर भारी :दिल्ली एवं एनसीआर के क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर उंचा रहने के कारण सुप्रीम कोर्ट, एनजीटी एवं वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग की ओर से दीपावली एवं अन्य त्योहारों पर आतिशबाजी पर रोक के आदेश जारी किए जाते रहे हैं. हालांकि, अलवर में प्रदूषण का स्तर दिल्ली से काफी कम रहता है, लेकिन एनसीआर में शामिल होने के कारण अलवर एवं भरतपुर जिलों में भी आतिशबाजी पर रोक लगाई जाती रही है.

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