लखनऊ:इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंड पीठ ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. कोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल कर तेलगू मूवी ‘ताकतवर पुलिसवाला’ में बिहारियों की आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है. यह मूवी तेलगू भाषा की ‘धी आंते धी’ का हिन्दी रूपांतरण है. दीपांकर कुमार की याचिका पर न्यायमूर्ति राजन रॉय व न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ ने सुनवाई की. सुनवाई के बाद पीठ ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) को नोटिस जारी करने का आदेश दिया है. दीपांकर कुमार याची का कहना है कि वर्ष 2015 में बनी मूलतः तेलगू भाषा की इस फिल्म में बिहारियों को गंदगी फैलाने वाला बताया गया है. याचिका में फिल्म का सेंसर सर्टिफिकेट रद् करने की मांग की गई है. मामले की अगली सुनवाई अगस्त माह में होगी.
मदरसा छात्रवृत्ति वितरण में गबन के मामले में हाईकोर्ट ने सरकार से जवाब मांगा
प्रयागराजःइलाहाबाद हाईकोर्ट ने मेरठ स्थित एक मदरसा की छात्रवृत्ति में गबन के मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से जवाब मांगा है. कोर्ट ने अपर महाधिवक्ता से एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है. यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने संजय त्यागी की अर्जी पर अधिवक्ता सुनील चौधरी को सुनकर दिया है. मेरठ जिले के गुडविन हररा मदरसा में 13 साल पहले छात्रवृत्ति वितरण में गबन का मामला सामने आया था. इसमें संजय त्यागी तत्कालीन कनिष्ठ सहायक अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, सुमन गौतम तत्कालीन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी व मोहम्मद ताहिर मदरसा संचालक पर 41 लाख का 60 हजार रुपये गबन का मुकदमा दर्ज किया गया था. याची ने आरोप पत्र व अदालत के संज्ञान लिए जाने के आदेश को रद्द करने के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की. याची के अधिवक्ता सुनील चौधरी ने बताया कि फाइनल रिपोर्ट दाखिल होने के बाद उस पर निर्णय लिए बगैर अग्रिम सुनवाई के आदेश पर आरोप पत्र दाखिल नहीं किया जा सकता. याची के विरुद्ध सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना मुकदमा दर्ज कराया गया है. विभागीय जांच में आरोपी पर गबन का कोई आरोप साबित न होने पर उसे सवेतन बहाल कर दिया गया है.
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