जगदलपुर: बस्तर के ग्रामीण क्षेत्र में जमीन विवाद को लेकर प्रशासन पर पीएम आवास तोड़ने का आरोप लगा है. जिसके विरोध में पीड़ित परिवार बीती रात कड़ाके की ठंड में कलेक्ट्रेट पहुंचा. देर रात तक छोटे बच्चे से लेकर परिवार का हर सदस्य कलेक्टर परिसर में बैठे रहा. स्थानीय तहसीलदार व थाना प्रभारी भी मौके पर पहुंचकर मनाने की कोशिश करते रहे. लेकिन ग्रामीण नहीं माने.
जानिए क्या है मामला:पीड़ित ग्रामीण कृष्ण कुमार नाग ने बताया कि वे बकावंड ब्लॉक के बनियागांव में पिछले 5 पीढ़ी से उनका परिवार नजूल भूमि पर रह रहा है. बाद में उनके पिता के नाम पर पीएम आवास स्वीकृत हुआ. घर के निर्माण के लिए 1 लाख 30 हजार रुपये मिले. जिसके बाद परिवार ने नजूल भूमि पर बने घर में अतिरिक्त निर्माण कराया.
पीएम आवास तोड़ने का आरोप (ETV Bharat Chhattisgarh)
कृष्ण कुमार नाग ने आगे बताया कि जमीन को लेकर पड़ोसी भाजपा नेता के साथ कई सालों से उनका केस चल रहा है. उन्होंने भाजपा नेता वनवासी मौर्य पर प्रशासन पर दबाब डालने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि भाजपा नेता के दबाव के कारण प्रशासन ने उनका घर तुड़वाया है. भाजपा नेता पिछले 50 साल से वहां रह रहा है. उनका पट्टा भी बन गया है. हम पांच पीढ़ी से रह रहे हैं लेकिन हमारा पट्टा नहीं बन रहा है. अब न्याय मांगने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे हैं.
पीएम आवास तोड़ने का आरोप (ETV Bharat Chhattisgarh)
15 सालों से भाजपा नेता हमारे घर का पट्टा बनने नहीं दे रहे हैं. हमारा घर को तोड़ दिया गया है. हमारे जमीन का पट्टा हमें चाहिए. रविवार को हमे नोटिस दिया और दूसरे दिन सोमवार को घर पर हो रहे निर्माण को तोड़ दिया गया: कृष्ण कुमार नाग, पीड़ित ग्रामीण
कांग्रेस का भाजपा पर आरोप: कांग्रेस के जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य ने जिला प्रशासन पर पक्षपाती कार्रवाई का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि ठंड के मौसम में गरीब परिवार को उनके घरों से बेदखल करना अन्यायपूर्ण है. शासन प्रशासन गरीब परिवार के साथ खिलवाड़ कर रहा है.
छोटे बच्चों को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा पीड़ित परिवार (ETV Bharat Chhattisgarh)
भाजपा नेता के दबाव में आकर प्रशासन एक पक्षीय कार्रवाई कर रहा है छत्तीसगढ़ में हर जगह अराजकता नजर आ रही है:सुशील मौर्य, कांग्रेस जिला अध्यक्ष
डिप्टी कलेक्टर नीतीश वर्मा ने पीड़ित परिवार के आरोपों पर बताया कि संबंधित निर्माण शासकीय भूमि पर बन रहा था. जांच में निर्माण के पिछले हिस्से का 130 स्कॉवयर जमीन दूसरे के हिस्से का था. इस प्रकरण के निराकरण तक स्टे लगाया गया था.स्टे के दौरान छज्जा लेवल तक निर्माण हुआ था. उसके ऊपर निर्माण नहीं करवाना था. जिसके बाद भी परिवार ने ऊपर के हिस्से का निर्माण करवाया. स्टे अक्टूबर महीने में 7 तारीख दिया गया था. डिप्टी कलेक्टर ने बताया कि पूरे घर को नहीं तोड़ा गया है. स्टे के बाद के निर्माण को तोड़ा गया है.