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मायावती के भतीजे आकाश भले यूपी उत्तराखंड के नहीं उत्तराधिकारी, फिर भी संभालेंगे यहां पर चुनाव की जिम्मेदारी - Lok Sabha Elections 2024

मायावती उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार के लिए अपने भतीजे आकाश आनंद को प्राथमिकता भी दे रही हैं. आकाश आनंद उत्तर प्रदेश के विभिन्न लोकसभा क्षेत्र में पार्टी के लिए दर्जनों जनसभाएं करेंगे.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 30, 2024, 7:16 PM IST

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने भले ही अपने भतीजे और पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद को उत्तराधिकारी घोषित कर दिया हो. लेकिन उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को अपने पास ही रखा है. यहां पर जो भी फैसला लिया जा रहा है, वह मायावती खुद ले रही हैं. लेकिन चुनाव प्रचार के लिए आकाश आनंद को मायावती प्राथमिकता दे रही हैं. बसपा लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के स्टार प्रचारकों में आकाश आनंद को शामिल किया है. आकाश आनंद एक अप्रैल से लेकर मई तक उत्तर प्रदेश के विभिन्न लोकसभा क्षेत्र में पार्टी के लिए दर्जनों जनसभाएं करेंगे. आकाश आनंद को यूपी में इसलिए भी मायावती तरजीह दे रही हैं, क्योंकि युवा हैं और पार्टी के साथ युवाओं को जोड़ने की अच्छी कोशिश कर सकते हैं. इसका फायदा पार्टी को मिल सकता है.

इस बार अकेले चुनाव मैदान मेंःबता दें कि 2019 का लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के साथ मिलकर 10 सीटें जीतने वाली बसपा इस बार अकेले दम ही चुनाव मैदान में है. ऐसे में राजनीतिक गलियारों में चर्चा यही है कि पिछले लोकसभा चुनाव के बाद जब मायावती ने सपा से गठबंधन तोड़ा और 2022 का विधानसभा चुनाव अकेले लड़ा तो हालत यह हो गई कि 403 सीटों में से सिर्फ एक ही सीट जीत पाईं. ऐसे में अब लोकसभा चुनाव भी अकेले दम ही लड़ रही है तो यहां भी नतीजा 2022 के विधानसभा चुनाव की तरह ही हो सकता है.

मायावती कर सकती हैं रैलीःहालांकि, बहुजन समाज पार्टी ने लोकसभा चुनाव जीतने के लिए खास रणनीति तैयार की है. बसपा मुखिया मायावती इस बार मैदान में उतरकर अपने प्रत्याशियों के लिए ताबड़तोड़ चुनावी रैली कर सकती हैं. हालांकि, इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन एक बात तय हो गई है कि वह अपने भतीजे और पार्टी के नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद को पूरी क्षमता के साथ चुनाव प्रचार के लिए मैदान में झोंक रही हैं. सूत्र बताते हैं कि आकाश आनंद को चुनाव प्रचार में उतारने का फैसला ले लिया गया है. वे प्रत्याशियों के पक्ष में जमकर चुनाव प्रचार करेंगे. छह अप्रैल से आकाश आनंद का चुनावी अभियान शुरू होगा, जो एक मई तक उत्तर प्रदेश में लगातार जारी रहेगा.

इन जगहों पर आनंद की संभावित जनसभाएंःवहीं, 6 अप्रैल, 7 अप्रैल, 8 अप्रैल, 11 अप्रैल, 13 अप्रैल, 17 अप्रैल, 25 अप्रैल, 26 अप्रैल, 28 अप्रैल और एक मई को आकाश आनंद की जनसभाओं के लिए तारीख तय की गई है. इस दौरान आकाश बरेली मंडल, आगरा, मथुरा, हाथरस, सहारनपुर, अलीगढ़, बस्ती, आजमगढ़, वाराणसी, गोरखपुर, अयोध्या, प्रयागराज, मिर्जापुर समेत अन्य लोकसभा क्षेत्र में बीएसपी के उम्मीदवारों के लिए चुनाव प्रचार करते हुए नजर आएंगे. कुल मिलाकर 25 रैली उत्तर प्रदेश में आकाश आनंद के नाम रहेंगी.

मंच भी साझा करेंगे बुआ और भतीजाःसूत्रों की मानें तो इस लोकसभा चुनाव में बुआ मायावती और भतीजा आकाश आनंद कई जगह पर मंच साझा करते हुए भी नजर आएंगे. ऐसी प्लानिंग की जा रही है कि बिजनौर और नगीना लोकसभा सीट पर बुआ और भतीजा एक साथ मंच साझा कर अपने गढ़ में बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार करें. मायावती ने अपने चुनावी प्रचार अभियान की शुरुआत नगीना से ही करने का फैसला लिया है. इसके पीछे खास वजह यह भी है कि आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद यहां से लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं और मायावती किसी कीमत पर चंद्रशेखर आजाद को आगे बढ़ते देखना नहीं चाहती. नगीना सीट, इसलिए भी पार्टी के लिए अहम है, क्योंकि यहां से बसपा को जीत मिलती रही है. आकाश आनंद ने 2019 के लोकसभा चुनाव में देवबंद में हुई गठबंधन की रैली में बुआ के साथ पहली बार राजनीतिक मंच पर कदम रखा था. उन्होंने यहां पर मायावती, अखिलेश यादव, चौधरी अजीत सिंह और जयंत चौधरी के साथ मंच साझा किया था.

युवाओं को रिझाने का करेंगे प्रयासःगौरतलब है, आकाश आनंद की जब बहुजन समाज पार्टी की पॉलिटिक्स में एंट्री हुई थी तो पार्टी की मुखिया मायावती ने उन्हें नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया था. इसके बाद बहुजन समाज पार्टी को देश के विभिन्न राज्यों में मजबूत करने में वे जुटे भी हुए हैं. हाल ही में राजस्थान और मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनाव में उनको प्रभारी बनाया गया था. अब लोकसभा चुनाव में आकाश आनंद यूपी की राजनीति में भी दखल देंगे. खासकर युवाओं को बहुजन समाज पार्टी की तरफ आकर्षित करने पर अपना ध्यान केंद्रित करेंगे.

मायावती को जमीन पर उतरना पसंद नहींःराजनीतिक विश्लेषक व वरिष्ठ पत्रकार प्रभात रंजन दीन का कहना है कि निश्चित तौर पर बसपा की उत्तर प्रदेश समेत पूरे देश में जो हालत है, उसमें कहीं न कहीं बसपा मुखिया मायावती का एक्टिव न होना ही बड़ी वजह है. मायावती जमीन पर उतरना पसंद नहीं करतीं. इसलिए धीरे-धीरे उनके अपने लोग ही उनसे दूर हो रहे हैं. इस बार लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में आकाश आनंद को आगे कर मायावती सीधे तौर पर अपने ऊपर कोई जिम्मेदारी लेना नहीं चाहती. वह कुछ रैलियां जरूर करेंगी, लेकिन बाकी जिम्मेदारी अपने अन्य नेताओं पर ही छोड़ सकती हैं. वर्तमान हालात को देखते हुए पार्टी के पक्ष में नतीजे आते तो फिलहाल नहीं दिख रहे हैं. बाकी तो चुनाव परिणाम में ही सब कुछ सामने आ पाएगा.

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