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हरियाणा के 14 जिलों में डीजल वाहनों पर रोक, सप्लाई चेन बंद होने से रोजाना करोड़ों का नुकसान - AIR POLLUTION IN HARYANA

Air Quality Index: वायु प्रदूषण के चलते डीजल वाहनों पर रोक लग गई है. जिसके चलते व्यापार को रोजाना करोड़ों का नुकसान हो रहा है.

Air Quality Index
Air Quality Index (Etv Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 20, 2024, 10:03 AM IST

Updated : Nov 20, 2024, 10:31 AM IST

पंचकूला: हरियाणा में घने कोहरे और वायु प्रदूषण से लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है. दिल्ली एनसीआर समेत हरियाणा के विभिन्न जिलों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार खराब स्थिति में बना हुआ है. जिसके चलते हरियाणा के सभी 14 एनसीआर जिलों में ग्रैप-4 लागू है. इसके चलते डीजल वाहनों पर रोक लगी है. जो डीजल वाहन जहां खड़े हैं, वे सभी वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं होने तक उसी जगह खड़े रहेंगे. इन 14 जिलों में डीजल वाहनों पर रोक की पुष्टि हरियाणा के डीजी ऑफिस से की गई है

केंद्र सरकार के आदेशों की पालना: हरियाणा के डीजी कार्यालय द्वारा बताया गया कि वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं होने और लगातार वायु प्रदूषण बढ़ने के चलते केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर और इसमें शामिल हरियाणा के 14 जिलों में डीजल वाहन चलाने पर रोक लगाई है. दिल्ली-एनसीआर में हरियाणा के 14 जिले फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूंह, रोहतक, सोनीपत, रेवाड़ी, झज्जर, पानीपत, पलवल, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, जींद और करनाल शामिल हैं.

AQI का कहां-कितना स्तर: दिल्ली और हरियाणा में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है. आज मंगलवार शाम 4 बजे तक जहां दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 460 और बहादुरगढ़ का 347 रहा. वहीं गुरुग्राम में 402, सोनीपत 390, जींद 358, मानेसर 345, फरीदाबाद 320, हिसार 317, सिरसा 309 और पानीपत में 303 रहा.

देश को रोजाना करोड़ों रुपए का नुकसान: घने कोहरे और वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर से दिल्ली में डीजल वाहनों की रोक से देश को रोजाना करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय सचिव एवं चंडीगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष हरीश गर्ग ने बताया कि केवल हरियाणा ही नहीं बल्कि अन्य राज्य भी व्यापारिक दृष्टिकोण से दिल्ली पर निर्भर हैं. नतीजतन दिल्ली में डीजल वाहनों की आवाजाही पर रोक से देश को रोजाना करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार देश को रोजाना करीब 100 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है.

बच्चों बुजुर्गों की बढ़ी परेशानी: हरीश गर्ग ने कहा कि वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं होने का सबसे अधिक नुकसान बच्चों और बुजुर्गों को है. क्योंकि डीजल वाहनों की आवाजाही पर रोक से रोजाना की अनेक आवश्यक चीजों की सप्लाई प्रभावित हो रही है. भले ही आवश्यक सेवाएं निरंतर जारी हैं लेकिन सप्लाई चेन जरूर बाधित हो रही है.

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री करें काम: हरीश गर्ग ने कहा कि बढ़ते वायु प्रदूषण की रोकथाम के मद्देनजर दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज को प्रमुखता से विचार कर इस मुद्दे के संबंध में आवश्यक फैसले लेने चाहिए. दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी उन पर है, उन्हें आमजन की राहत के लिए फील्ड में रियलिटी चेक जरूर करना चाहिए. उन्होंने कहा कि समय रहते आवश्यक कदम नहीं उठाए जाने के कारण सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी दिल्ली सरकार को फटकार लगाई गई है.

कोहरे के चलते विजिबिलिटी हुई कम: दिन-रात की विजिबिलिटी 50-100 बढ़ते वायु प्रदूषण और घने कोहरे के कारण लोगों का सांस लेना भी दूभर है. दिन और रात की विजिबिलिटी भी महज 50-100 के बीच रहने से सड़क हादसे बढ़ने का डर लगातार बना हुआ है. दिन और रात, हर पहर वायु प्रदूषण से लोग परेशानी में है. विभिन्न प्रकार की बीमारियों से ग्रस्त मरीज के लिए अधिक खतरा बना हुआ है.

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Last Updated : Nov 20, 2024, 10:31 AM IST

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