पंचकूला: हरियाणा में घने कोहरे और वायु प्रदूषण से लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है. दिल्ली एनसीआर समेत हरियाणा के विभिन्न जिलों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) लगातार खराब स्थिति में बना हुआ है. जिसके चलते हरियाणा के सभी 14 एनसीआर जिलों में ग्रैप-4 लागू है. इसके चलते डीजल वाहनों पर रोक लगी है. जो डीजल वाहन जहां खड़े हैं, वे सभी वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं होने तक उसी जगह खड़े रहेंगे. इन 14 जिलों में डीजल वाहनों पर रोक की पुष्टि हरियाणा के डीजी ऑफिस से की गई है
केंद्र सरकार के आदेशों की पालना: हरियाणा के डीजी कार्यालय द्वारा बताया गया कि वायु गुणवत्ता में सुधार नहीं होने और लगातार वायु प्रदूषण बढ़ने के चलते केंद्र सरकार ने दिल्ली-एनसीआर और इसमें शामिल हरियाणा के 14 जिलों में डीजल वाहन चलाने पर रोक लगाई है. दिल्ली-एनसीआर में हरियाणा के 14 जिले फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूंह, रोहतक, सोनीपत, रेवाड़ी, झज्जर, पानीपत, पलवल, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, जींद और करनाल शामिल हैं.
AQI का कहां-कितना स्तर: दिल्ली और हरियाणा में वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता जा रहा है. आज मंगलवार शाम 4 बजे तक जहां दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 460 और बहादुरगढ़ का 347 रहा. वहीं गुरुग्राम में 402, सोनीपत 390, जींद 358, मानेसर 345, फरीदाबाद 320, हिसार 317, सिरसा 309 और पानीपत में 303 रहा.
देश को रोजाना करोड़ों रुपए का नुकसान: घने कोहरे और वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर से दिल्ली में डीजल वाहनों की रोक से देश को रोजाना करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय सचिव एवं चंडीगढ़ चैप्टर के अध्यक्ष हरीश गर्ग ने बताया कि केवल हरियाणा ही नहीं बल्कि अन्य राज्य भी व्यापारिक दृष्टिकोण से दिल्ली पर निर्भर हैं. नतीजतन दिल्ली में डीजल वाहनों की आवाजाही पर रोक से देश को रोजाना करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि एक अनुमान के अनुसार देश को रोजाना करीब 100 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है.