ऋषिकेश: डेढ़ साल की एक मासूम की सांस की नली में मूंगफली का दाना फंस गया. जिससे बच्ची को सांस लेने में दिक्कतें होने लगी और उसकी हालत गंभीर होती चली गई. जान बचाने के लिए मां-बाप उसे रुड़की से देहरादून तक विभिन्न अस्पतालों में ले गए, लेकिन समाधान नहीं हुआ. ऐसे में एम्स ऋषिकेश के डॉक्टरों ने जोखिम उठाया और उच्च तकनीक आधारित ब्रोन्कोस्कोपी प्रक्रिया अपनाकर बच्ची की सांस की नली में फंसे मूंगफली के दाने को बाहर निकाला. जिससे मासूम की जान बच गई. बच्ची की सांस की नली में मूंगफली का यह दाना 12 दिनों से फंसा हुआ था.
21 फरवरी को बच्ची की सांस नली में फंसा मूंगफली:जानकारी के मुताबिक, बीती 21 फरवरी को लक्सर की करीब डेढ़ साल की बच्ची अपने 4 वर्षीय भाई के साथ बैठी थी. अपने भाई को नमकीन खाते देख बच्ची ने भी कुछ दाने अपने मुंह में डाल लिए. इस दौरान मूंगफली का एक दाना उसके गले में अटक गया और कुछ देर बाद सांस की नली में फंस गया. बच्ची की हालत बिगड़ी तो परिजन आनन फानन में पहले बच्ची को रुड़की ले गए, फिर देहरादून के एक बड़े अस्पताल ले गए.
डॉक्टरों ने सांस की नली में फंसे दाने को बाहर निकालने के लिए रिजिड ब्रोन्कोस्कोपी तकनीक (फेफड़ों की जांच करने की तकनीक) को अपनाया, लेकिन बच्ची के गले से मूंगफली का दाना निकलने की बजाए, ब्रोन्कोस्कोपी करते समय मूंगफली का एक हिस्सा टूटकर फिर से सांस की नली में जा फंसा. ऐसे में बच्ची की गंभीर हो चुकी स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे एम्स ऋषिकेश ले जाने की सलाह दी.
बीती 4 मार्च को एम्स ऋषिकेश पहुंचने पर पीडियाट्रिक पल्मोनरी विभाग ने बच्ची के स्वास्थ्य की जांच की. जहां एम्स की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह के मार्गदर्शन में डॉक्टरों की टीम ने सभी आवश्यक जांचें की. इसके बाद अल्ट्रा थिन ब्रोन्कोस्कोपी करने का निर्णय लिया गया. बिना समय गंवाए पल्मोनरी विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. मयंक मिश्रा के निर्देशन में डॉक्टरों की टीम ने सांस नली में फंसे मूंगफली के दाने को बाहर निकाला.