आगरा :आगरा लोकसभा सीट से दूसरी बार सांसद बने प्रो. एसपी सिंह बघेल को मोदी सरकार 3.0 में जगह मिली है. उन्हें एक बार फिर राज्यमंत्री बनाया गया है. रविवार की शाम मोदी सरकार 3.0 में शपथ लेने वाले प्रो. एसपी सिंह बघेल आगरा मंडल के एकमात्र मंत्री हैं. इस खुशी में कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने जश्न मनाया. प्रो. बघेल का राजनीतिक सफर बेहद रोचक है.
यूपी पुलिस के एक दरोगा के रूप में प्रो. एसपी सिंह बघेल ने करियर की शुरुआत की. सपा मुखिया पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव की सुरक्षा में तैनात रहे. मुलायम सिंह के खास होने पर उन्होंने पुलिस की नौकरी छोड़ दी. इसके बाद सपा में शामिल हो गए. सपा और बसपा के बाद प्रो. एसपी सिंह बघेल भाजपा में आए हैं. आइए जानते हैं उनके पूरे राजनीतिक सफर के बारे में.
बता दें कि प्रो. एसपी सिंह बघेल का पूरा नाम सत्यपाल सिंह बघेल है. वह मूलरूप से उत्तर प्रदेश के औरैया जिले के गांव भटपुरा के रहने वाले हैं. उनके पिता रामभरोसे सिंह मध्य प्रदेश पुलिस में थे. प्रो. एसपी सिंह बघेल ने प्रारंभिक शिक्षा और उच्च शिक्षा मध्यप्रदेश में ली. प्रो. एसपी सिंह बघेल ने मेरठ कॉलेज से डिफेंस में एमए की पढ़ाई की. इसके बाद मेरठ कॉलेज से ही डॉ. सोमनाथ मिश्रा के अंडर में मिलिट्री साइंस में पीएचडी की. पिता से प्रेरित होकर उन्होंने भी पुलिस की नौकरी के लिए मेहनत की. उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस में सब इंस्पेक्टर की नौकरी मिली.
तीसरी बार मंत्री बनने पर समर्थक उत्साहित. (PHOTO Credit; Etv Bharat) तीन मुख्यमंत्री के PSO रहे हैं एसपी सिंह बघेल :दरअसल, सन 1988 में प्रो. एसपी सिंह बघेल की 3 माह की ड्यूटी लखनऊ में डयूटी लगाई गई. लखनऊ में ही कुछ समय LIU यानी लोकल इंटेलीजेंस यूनिट में रहे. उसके बाद प्रो. एसपी सिंह बघेल की ड्यूटी मुख्यमंत्री की सुरक्षा में लगी. उन्हें पहली अहम जिम्मेदारी तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी का सुरक्षागार्ड बनने की मिली थी. इसके बाद सन 1988 में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह के और फिर 1989 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के PSO (Personal Security Officer) रहे. इस दौरान सीएम मुलायम सिंह के नजदीकी बन गए. यहीं से उनकी राजनीतिक शुरुआत हुई. इस्तीफा देने के बाद प्रो. एसपी सिंह बघेल आगरा कॉलेज में प्रोफेसर बन गए.
राजनीति में एंट्री और जलेसर लोकसभा से सांसद :पूर्व सीएम मुलायम सिंह ने प्रो. एसपी सिंह बघेल को पहली बार सन 1998 में जलेसर सीट से समाजवादी पार्टी का प्रत्याशी बनाया. पहली बार में ही प्रो. एसपी सिंह बघेल सांसद बने. सन 1999 और 2004 में सपा की टिकट पर ही जलेसर से चुनाव जीते. सपा में सांसद रहते हुए ही प्रो. एसपी सिंह बघेल का पार्टी में मतभेद हुआ तो 2010 में सपा को छोड़कर प्रो. एसपी सिंह बघेल ने बसपा का दामन थाम लिया.
आगरा लोकसभा सीट से दूसरी बार सांसद बने हैं बघेल. (PHOTO Credit; Etv Bharat) सपा और बसपा के बाद भाजपा में आए :बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रो. एसपी सिंह बघेल को राज्यसभा भेजने के साथ ही राष्ट्रीय महासचिव बनाया. इसके साथ ही सन 2014 में बसपा के प्रत्याशी के रूप में फिरोजाबाद लोकसभा से चुनाव में उतरे. उनके सामने सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव थे. हालांकि, प्रो. एसपी सिंह बघेल यहां से चुनाव हार गए. इसके बाद ही प्रो. एसपी सिंह बघेल ने बसपा की प्रदेश में हालत और राजनीतिक माहौल समझकर राज्यसभा से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता ली. भाजपा में उन्हें भाजपा पिछड़ा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया.
टूंडला से जीतकर बने योगी सरकार में मंत्री :भाजपा ने सन 2017 के विधानसभा चुनाव में में प्रो. एसपी सिंह बघेल को टूंडला सुरक्षित सीट से चुनाव मैदान में उतारा. यहां से चुनाव जीतकर प्रो. एसपी सिंह बघेल भाजपा विधायक बने. इसके साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में कैबिनेट मंत्री बने. यहीं से प्रो. एसपी सिंह का भाजपा में कद बढ़ता गया. 2019 में उन्हें आगरा सुरक्षित लोकसभा सीट के मौजूदा सांसद रामशंकर कठेरिया का टिकट काटकर प्रो. एसपी सिंह बघेल को दिया गया था. सन 2019 में प्रो. सिंह बघेल ने यहां से बड़ी जीत दर्ज की. 2024 में दोबारा 2.72 लाख वोटों से जीत कर सांसद बने हैं.
आगरा और अलीगढ़ मंडल के अकेले मंत्री :पांच बार के सांसद प्रो. एसपी सिंह बघेल मोदी सरकार 3.0 में राज्यमंत्री बने हैं. मोदी मंत्रिमंडल में आगरा मंडल से हैट्रिक लगाने वालीं मथुरा की सांसद हेमामालिनी और अलीगढ़ से तीसरी बार सांसद बने सतीश गौतम को भी स्थान नहीं मिला है. लेकिन, भाजपा में आकर पिछड़ों के नेता के रूप में उभरे बघेल पर भाजपा नेतृत्व ने विश्वास जताया. इससे पहले सन 2021 में मोदी सरकार 2.0 में प्रो. एसपी सिंह बघेल को विधि एवं कानून राज्य मंत्री बनाया गया था. सन 2023 में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं चिकित्सा राज्य मंत्री का प्रभार दिया गया. अब तीसरी बार वह फिर से मंत्री बनने में सफल रहे.
मुख्यमंत्री के पीएसओ भी रह चुके हैं एसपी सिंह बघेल. (PHOTO Credit; Etv Bharat) शिक्षिका से प्यार के बाद कर ली शादी :प्रो. एसपी सिंह बघेल बताते हैं कि 1985 की बात है, तब पोस्टिंग मेरठ शहर की सरधना तहसील में थी. वर्किंग की वजह से क्षेत्र के ज्यादातर लोग मुझे जानते थे. तत्कालीन मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी तब महावीर जयंती पर मेरठ में आयोजित कार्यक्रम में आए. कार्यक्रम में शिक्षिका मधुपुरी को पहली बार देखा. उनकी सादगी मुझे पसंद आई. बस यहीं से प्रेम कहानी की शुरुआत हुई. दोनों मिले और छह माह बाद ही तय कर लिया कि शादी करेंगे. इसके बार परिजन के पूछने पर मैंने मधु से अफेयर की बात बताई. पिताजी थोड़ा नाराज हुए. लेकिन, बाद में सभी तैयार हो गए. आज हम दोनों बेहद खुश हैं. हमारे एक बेटा और एक बेटी हैं. दोनों डॉक्टर हैं.
जाति प्रमाण पत्र का रहा है विवाद :प्रो. एसपी सिंह बघेल के जाति प्रमाण पत्र को लेकर विवाद रहा है. जब भी चुनाव आते हैं, उनका जाति प्रमाण पत्र चर्चा में आता है. इस साल ही डॉ. आंबेडकर सेवा ट्रस्ट के अनिल सोनी ने मंडलायुक्त से जाति प्रमाण पत्र को लेकर शिकायत की थी. इसमें प्रो. एसपी सिंह बघेल की तीन बार अपनी जातियां बदलने का आरोप था. जिसमें कहा था कि, प्रो. एसपी सिंह बघेल पढ़ाई के दौरान ठाकुर जाति के थे. उन्हें नौकरी पिछड़ी जाति से मिली. अब लगातार चुनाव अनुसूचित जाति से लड़ रहे हैं.
प्रो. एसपी सिंह बघेल का राजनीतिक सफर. (PHOTO Credit; Etv Bharat) प्रो. एसपी सिंह बघेल का राजनीतिक सफर :2019 में भाजपा ने आगरा लोकसभा सीट से चुनाव मैदान में उतारा तो यहां से सांसद चुने गए. साल 2021 में पीएम मोदी के कैबिनेट में जगह मिली. उन्हें केंद्र सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया. 2022 में करहल विधानसभा का चुनाव अखिलेश यादव से लड़े और हार गए. 2024 में दोबारा आगरा सुरक्षित लोकसभा सीट से चुनाव जीत कर संसद पहुंचे हैं.
यह भी पढ़ें :मोदी सरकार 3.0 में यूपी की हिस्सेदारी; राजनाथ और हरदीप बने कैबिनेट मंत्री,जयंत चौधरी सहित 8 सांसदों ने राज्यमंत्री की ली शपथ