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केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में बर्ड फ्लू की दस्तक के बाद पीपीई किट पहनकर की जा रही मॉनिटरिंग - MONITORING WEARING PPE KITS

केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद अधिकारी-कर्मचारी पीपीई किट पहन मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

monitoring wearing PPE kits
पीपीई किट पहन की जा रही मॉनिटरिंग (ETV Bharat Bharatpur)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Feb 1, 2025, 11:02 PM IST

भरतपुर: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद प्रशासन सतर्क हो गया है. उद्यान के अधिकारियों और कर्मचारियों को पीपीई किट पहनकर मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए झील के पानी में उतरने पर प्रतिबंध लगाया गया है. फिलहाल, प्रशासन भोपाल भेजे गए पक्षियों के सैंपल की रिपोर्ट का इंतजार कर रहा है ताकि आगे की रणनीति तय की जा सके.

पेंटेड स्टार्क के बच्चे में मिला बर्ड फ्लू वायरस: केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के डीएफओ मानस सिंह ने बताया कि एक मृत पेंटेड स्टार्क पक्षी के बच्चे में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस (बर्ड फ्लू) की पुष्टि हुई है. इसके बाद से उद्यान प्रशासन ने एहतियाती कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. मॉनिटरिंग के लिए अधिकारी व कर्मचारी दिन में चार बार उद्यान व बाहरी क्षेत्रों का निरीक्षण कर रहे हैं.

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घना के बाहर नहीं मिले बर्ड फ्लू के लक्षण: डीएफओ मानस सिंह ने स्पष्ट किया कि उद्यान के बाहर किसी भी पक्षी में बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं मिले हैं. प्रशासन लगातार सतर्क है और जनता से अपील की गई है कि यदि कहीं भी संक्रमित पक्षी दिखाई दे, तो इसकी सूचना उद्यान प्रशासन को दी जाए. उन्होंने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, पर्यटक बिना किसी भय के केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान आ सकते हैं. वन विभाग पूरी सतर्कता बरत रहा है और आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही स्थिति पर और स्पष्ट जानकारी दी जा सकेगी

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पर्यटकों के लिए गाइडलाइन:

  1. प्रशासन ने पर्यटकों को सावधानी बरतने की सलाह दी है और गाइडलाइन जारी की है.
  2. किसी भी मृत पक्षी को न छुएं.
  3. झील के पानी में उतरने से बचें.
  4. पक्षियों के बहुत नजदीक जाने से परहेज करें.
  5. किसी भी बीमार या संदिग्ध पक्षी की सूचना उद्यान प्रशासन को दें.

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