लखनऊ : डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के इनक्यूबेशन सेंटर में डेवलप हुई स्टार्टअप एक कंपनी को लखनऊ की दो और पार्किंग को तैयार करने की जिम्मेदारी मिली है. कंपनी को पहले स्मार्ट सिटी के तहत हजरतगंज स्थित मल्टीलेवल पार्किंग को पायलट प्रोजेक्ट के तहत फुली ऑटोमेटिक मोड पर संचालित करने की जिम्मेदारी दी गई थी. जिसकी सफलता को देखते हुए कंपनी को टेंडर प्रक्रिया के बाद अमीनाबाद और गोल मार्केट पर स्थित मल्टीलेवल पार्किंग का काम दिया है. कंपनी के ओनर धनंजय भारद्वाज भारतीय तटरक्षक सेवा में डिप्टी कमांडेंट पोस्ट से सेवानिवृत्त हुए हैं और उन्होंने साल 2021 में अपना स्टार्टअप शुरू किया था.
हजरतगंज मल्टीलेवल पार्किंग की कन्वर्ट :कंपनी के ओनर धनंजय भारद्वाज ने बताया कि उन्होंने अपने स्टार्टअप के आइडिया को काफी बेसिक रखा है. उन्होंने शहर की भीड़ वाली मार्केट में आने वाले लोगों की पार्किंग समस्या को कैसे दूर किया जाए, इसको लेकर पूरा आइडिया तैयार किया. नौकरी छोड़ने के बाद वह अपने इस आइडिया को डेवलप करने के लिए एकेटीयू के इनक्यूबेशन सेंटर पहुंचे थे. धनंजय भारद्वाज ने बताया कि वह विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र रह चुके हैं. नौकरी के बाद जब वह अपने स्टार्टअप को शुरू करने की प्लानिंग कर रहे थे तो उन्हें इनक्यूबेशन सेंटर के बारे में पता चला, जहां पर उन्होंने अपने पूरे आइडिया पर काम किया और कंपनी बनाने के साथ ही अपने स्टार्टअप को एक पूर्ण रूप दिया. उन्होंने बताया कि स्टार्टअप को जब उन्होंने पहली बार स्मार्ट सिटी के अधिकारियों को दिखाया तो उन्हें काफी पसंद आया और लखनऊ स्मार्ट सिटी के अधिकारियों ने हजरतगंज स्थित मल्टीलेवल पार्किंग को प्रदेश के पहले मॉडल पार्किंग में तब्दील करने का उन्हें काम दिया.
मैन्युअल हटाकर सब कुछ ऑनलाइन मोड पर किया शिफ्ट :धनंजय भारद्वाज ने बताया कि इस काम के लिए जब वह स्मार्ट सिटी के अधिकारियों से मिले तो उन्हें बताया गया कि पार्किंग में गाड़ियों के आने और जाने का कोई रिकॉर्ड मेंटेन नहीं हो पता था, यहां तक की पार्किंग से होने वाले राजस्व का भी सही-सही पता नहीं चलता था. इस समस्या को दूर करने के लिए उनका आइडिया चुना गया और उसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर हजरतगंज पार्किंग में लागू किया गया. उन्होंने बताया कि पार्किंग में आने वाली सभी गाड़ियों के मैन्युअल टिकट बनाने की प्रक्रिया को समाप्त कर उसे गाड़ी के फास्ट ट्रैग या फिर ऑनलाइन मोड से जोड़ दिया गया. पार्किंग में जब कोई फोर व्हीलर आती है तो एंट्री और एग्जिट के समय उसके फास्ट ट्रैग से ही पैसा कट जाता है. इसी तरह बाइक से आने वाले लोगों को निकलते समय ऑनलाइन मोड में पेमेंट करना होता है.