नई दिल्ली: दक्षिण एशियाई देशों के युवाओं के लिए सीमा पार ज्ञान के विस्तार के कॉनसेप्ट को साकार करने के लिए सार्क देशों द्वारा स्थापित साउथ एशियन यूनिवर्सिटी (एसएयू) मिशन मोड पर काम कर रही है. इसी क्रम में सार्क देशों के युवाओं के ज्ञान प्राप्त करने के लिए साउथ एशियन यूनिवर्सिटी ने (एसएयू) ने शैक्षणिक कार्यक्रमों का विस्तार किया है. एसएयू के प्रेसिडेंट प्रो. केके अग्रवाल ने सोमवार को वर्ष 2025-26 के लिए प्रवेश प्रकिया की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि साउथ एशियन यूनिवर्सिटी उच्च शिक्षा में नए मानक स्थापित करने की दिशा में अग्रसर है.
उन्होंने कहा, नवीनतम शैक्षणिक कोर्स शुरू करने के साथ, हमारा उद्देश्य छात्रों को एक विकसित दुनिया में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल, ज्ञान और शोध क्षमताओं से लैस करना है. हमारे वर्चुअल कैंपस की शुरुआत समावेशिता (इन्क्लूसिविटी) और नवाचार (इनोवेशन) के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाती है. हमने यह सुनिश्चित करने के लिए भी पूरे प्रयास किए हैं कि सार्क देशों के साथ-साथ भारत के छात्रों के पास इन अवसरों तक पहुंचने के लिए कई विकल्प खुलें. एसएयू विस्तार के एक महत्वपूर्ण चरण से गुजर रहा है.
2023 तक एसएयू से केवल मास्टर्स कोर्स और पीएचडी की जा सकती थी, लेकिन 2024-25 के शैक्षणिक वर्ष में हमने कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में बी.टेक शुरू करके एक बड़ा कदम आगे बढ़ाया है. शिक्षण गुणवत्ता वैश्विक मानकों को पूरा करते हुए एसएयू ने अब 2025-26 शैक्षणिक सत्र के लिए कई नए कोर्स शुरू किए हैं. इस वर्ष विश्वविद्यालय की तरफ से विभिन्न विषयों में ऑन-कैंपस प्रोग्राम्स के लिए लगभग 1,300 सीटें बढ़ाई गई हैं.
बीटेक में भी नए कोर्स शुरू:कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग (सीएसई) में बी.टेक अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग, बिजनेस सिस्टम और इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी और डेटा साइंस और AI में एक्सपर्टीज देता है. वहीं गणित और कंप्यूटिंग में बी.टेक उभरते तकनीकी क्षेत्रों के लिए जरूरी एडवांस्ड कम्प्यूटेशनल और एनालिटिकल स्किल से छात्रों को लैस करने का कोर्स है. वहीं इंटरडिसिपलिनरी शिक्षा चाहने वाले छात्रों के लिए इंटर डिसिप्लिनरी साइंस में इंटिग्रेटेड बीएस-एमएस और इंटीग्रेटेड बीबीए-एमबीए जैसे कोर्स भी हैं.