देहरादून/मसूरी: उत्तराखंड में भारी बारिश के अलर्ट है. जिसे देखते हुए जिलाधिकारी सोनिका ने 30 सितंबर तक आपदा से संबंधित सभी विभागों के अधिकारियों की छुट्टियां रद्द कर दी है. जनपद और खण्ड स्तरीय अधिकारियों को विषय परिस्थितियों को छोड़कर किसी भी प्रकार का अवकाश नहीं मिलेगा. अपरिहार्य स्थिति में मुख्यालय छोड़ने से पहले जिलाधिकारी की अनुमति ली जानी अनिवार्य होगी.
बता दें जिलाधिकारी ने मानसून अवधि के दौरान दैवीय आपदा की घटनाएँ जैसे बादल फटना, भूस्खलन, सड़कों/मार्गों पर जलभराव और आवासीय परिसरों में वर्षा का पानी घुसने इत्यादि की स्थिति में विभागीय अधिकारियों का तत्काल मौके पर राहत और बचाव के लिए उपस्थित रहने के निर्दश दिये हैं. मानसून अवधि 30 सितम्बर तक सम्बन्धित सभी विभागों के जनपद और खण्ड स्तरीय अधिकारियों को विषय परिस्थितियों को छोड़कर किसी भी प्रकार का अवकाश नहीं मिलेगा. जिला मुख्यालय छोड़ने से पूर्व जिलाधिकारी की अनुमति ली जानी अनिवार्य होगी.
जिलाधिकारी ने आपदा के दौरान राहत और बचाव के मद्देनजर संबंधित एसडीएम,तहसीलदार, खण्ड विकास अधिकारी और आवश्यक सेवाओं से जुड़े विभाग- लोक निर्माण, पीएमजीएसवाई, विद्युत, जल संस्थान, जल निगम, नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत, जिला पंचायत, स्वास्थ्य, खाद्य आपूर्ति, कृषि और उद्यान, पशुपालन इत्यादि विभागीय अधिकारियों का अपने-अपने क्षेत्रों में पूरी तैयारियों के साथ हर समय उपलब्ध रहने के निर्देश दिए.
मसूरी में भूस्खलन के बाद ढहा मकान का पुश्ता:मसूरी भट्टा गांव के पास तूनधार बिजली घर के निकट भारी भूस्खलन होने से एक मकान का पुश्ता ढह गया. जिससे मकान खतरे की जद में आ गया. पुश्का ढहने के बाद निकले पत्थर और मलबा नीचे घरों में घुस गया. सड़क पर खड़ी पांच तीन बाइक और दो स्कूटिया मलबे की चपेट में आ गई. जिससे वह पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त हो गई. मसूरी में लगातार हो रही बारिश से लोगों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. मसूरी भट्टा गांव के पास अजय पाल चौहान के घर के पुश्ता भूस्खलन के बाद ढह गया. जिससे मकान को खतरा हो गया. स्थानीय लोगों ने मकान में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करने की मांग की.घटना की सूचना मिलते ही मसूरी फायर सर्विस और मसूरी पुलिस मौके पर पहुंची. मसूरी नायब तहसीलदार सुरेन्द्र सिंह भी घटनास्थल पर पहुंचे.