चंडीगढ़: पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ में बेसमेंट में चल रहे कोचिंग संस्थानों को बंद करने की मांग संबंधी दायर याचिका पर चंडीगढ़ प्रशासन, गृह सचिव, डीसी और एमसी चंडीगढ़ को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस शील नागु एवं जस्टिस अनिल खेत्रपाल ने सभी पक्षों को 27 सितंबर तक जवाब देने का आदेश दिया है.
बिल्डिंग और फायर रूल्स के उल्लंघनकर्ता संस्थानों पर कार्रवाई की मांग
मामले में याचिकाकर्ता एवं हाईकोर्ट के वकील निखिल थम्मन ने अपनी याचिका में दिल्ली हादसे से सबक लेते हुए उन कोचिंग संस्थानों को तत्काल प्रभाव से बंद करने की मांग की है, जो बेसमेंट में और बिना फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के कोचिंग संस्थान चला रहे हैं. जनहित याचिका में ऐसे कोचिंग संस्थानों को तत्काल प्रभाव से बंद करने के निर्देश देने की मांग की गई है, जो चंडीगढ़ बिल्डिंग रूल्स-2017 का उल्लंघन कर रहे हैं. इसके तहत बेसमेंट में कोचिंग संस्थान चलाना और चंडीगढ़ अग्नि निवारण एवं अग्नि सुरक्षा नियम-1991 का उल्लंघन कर रहे हैं.
कोचिंग सेंटरों की बढ़ती संख्या पर नियंत्रण नहीं
मामले में बहस के दौरान निखिल थम्मन ने दलील दी कि कोचिंग संस्थानों की तेजी से बढ़ती संख्या पर कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष नियंत्रण नहीं है. इस कारण चंडीगढ़ सेक्टर 34 मार्केट, सेक्टर-17 मार्केट आदि जैसे कुछ भीड़भाड़ वाली जगहों की स्थिति खराब हो गई है. कोर्ट को बताया गया कि चंडीगढ़ अग्नि निवारण और अग्नि सुरक्षा नियम, 1991 के नियम 5 के अनुसार भवन या परिसर के लिए निर्दिष्ट अग्नि निवारण और अग्नि सुरक्षा उपायों के न्यूनतम मानक राष्ट्रीय भवन संहिता 1983 के तहत सामान्य सुरक्षा आवश्यकता के अनुसार होंगे.
15 मीटर से अधिक ऊंचाई पर सेफ्टी सर्टिफिकेट आवश्यक