नई दिल्ली: पूर्वी दिल्ली के बेबी केयर अस्पताल, विवेक विहार के हादसे में सात मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद अब नर्सिंग होम्स की वैधता और उनकी सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. इस नर्सिंग होम में हुई आग की घटना की जांच अब एंटी करप्शन ब्रांच को सौंपी गई है.दिल्ली के उप-राज्यपाल वीके सक्सेना के आदेशों पर अब इस अस्पताल की समग्र जांच का जिम्मा एसीबी को दिया गया है. दिल्ली सरकार के विजिलेंस विभाग के स्पेशल सेक्रेटरी वाईवीवीजे राजशेखर की ओर से बुधवार देर रात इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं. एसीबी के ज्वाइंट कमिश्नर को लिखी एक चिट्ठी में विवेक विहार के अस्पताल के अलावा बाकी 1190 नर्सिंग होम्स की जांच पड़ताल करने के आदेश भी दिए गए हैं जिसकी एक्शन टेकन रिपोर्ट एक हफ्ते के भीतर सौंपी जाएगी.
विजिलेंस स्पेशल सेक्रेटरी की ओर से जारी पत्र में दिल्ली के उपराज्यपाल सक्सेना की तरफ दिल्ली के सभी 1190 नर्सिंग होम्स को लेकर जताई चिंता का भी जिक्र किया गया है. एलजी सक्सेना ने इन सभी नर्सिंग होम्स की वैधता, सुरक्षा और अपनाए जा रहे तौर तरीकों पर सवाल खड़े किए गए थे. इस सभी को ध्यान में रखते हुए विजिलेंस विभाग के स्पेशल सेक्रेटरी की ओर से एसीबी के ज्वाइंट कमिश्नर को विवेक विहार स्थित बेबी केयर न्यू बोर्न अस्पताल की पूरी जांच पड़ताल करने के निर्देश दिए गए हैं.
स्पेशल सेक्रेटरी राजशेखर की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि बेबी केयर सेंटर विविक विहार अग्निकांड की जांच की जाए और दिल्ली नर्सिंग होम पंजीकरण अधिनियम, 1953 और उसके तहत बनाए गए नियमों के तहत नर्सिंग होम के पंजीकरण की व्यापक जांच भी करें.
एलजी सक्सेना ने इस मामले में बहुत गंभीर रुख अपनाया है और पाया है कि 1190 नर्सिंग होम हैं जिनमें से एक चौथाई से अधिक बिना वैध पंजीकरण के चल रहे हैं. इसके अलावा राजधानी में ऐसे कई नर्सिंग होम हैं, जिन्होंने कभी पंजीकरण के लिए आवेदन नहीं किया, लेकिन फिर भी संचालित हो रहे हैं.