नैनीताल: नैनीताल जिले के रामनगर वन प्रभाग के कोटा रेंज के ओखलढुंगा क्षेत्र में वन विभाग की टीम ने एक बाघ को पिंजड़े में कैद करने में सफलता हासिल की है. माना जा रहा है कि ये वहीं बाघ है जिसने बीते 8 जनवरी की शाम महिला को निवाला बनाया था. महिला की मौत के 48 घंटों बाद बाघ को पिंजड़े में कैद किया गया. इससे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली.
3 दिन में तीन लोगों को बनाया शिकार:बता दें कि नैनीताल जिले के कई इलाकों में इन दिनों बाघ का आतंक बना है. जिसमें बाघ ने 8 से 10 तारिख तक 3 लोगों को अपना निवाला बनाया है. जिसमे एक महिला के साथ ही 2 पुरुष शामिल है. वहीं 8 जनवरी को रामनगर वन प्रभाग के कोटा रेंज में पड़ने वाले ओखलढुंगा गांव में घर के पास जंगल में लकड़ी लेने के लिए गई 48 वर्षीय महिला शांति देवी पर बाघ ने हमला कर दिया था, जिसमे महिला की मौत हो गयी थी. ग्रामीणों और वन विभाग को महिला का शव क्षत विक्षत हालत में मिला था, जिसके बाद ग्रामीणों में बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया था.
वन विभाग और ग्रामीणों में हुई थी तीखी नोकझोक:इस दौरान वन विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों के साथ ही स्थानीय प्रशासन से भी ग्रामीणों की तीखी नोकझोक भी हुई थी. वहीं विभाग की ओर से 8 जनवरी की रात को ही घटना वाले क्षेत्र में कैमरा ट्रैप के साथ ही बाघ को पकड़ने के लिए पिंजड़ा भी लगा दिया गया था.
10 जनवरी को पकड़ में आया टाइगर:वहीं 10 जनवरी की देर रात लगभग 10 से 11 बजे के बीच बाघ इस पिंजड़े में कैद हो गया, जिसको लगातार क्षेत्र में गश्त कर रहे वन्यकर्मियों द्वारा देखा गया और उन्होंने इसकी सूचना अपने उच्चाधिकारियों को दी. जिसके बाद बाघ को ओखलढुंगा क्षेत्र से रेस्क्यू कर कॉर्बेट टाइगर रिजर्व की ढेला रेंज में स्थित रेस्क्यू सेंटर में लाया गया है, जहां डॉक्टरों द्वारा बाघ का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है, उसके साथ ही बाघ के डीएनए सैंपल सीसीएमबी हैदराबाद CCMB Hyderabad (Centre for Cellular and Molecular Biology) भेजे जा रहे हैं. ताकि यह स्पष्ट हो सके कि जिस महिला पर बाघ ने हमला किया था, यह वही बाघ है या नही. वहीं बाघ के पकड़े जाने के बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है.