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उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय से 5,387 छात्र पास आउट, नालंदा विवि के पूर्व चांसलर को डी.लिट की उपाधि - UTTARAKHAND TECHNICAL UNIVERSITY

उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में 5,387 छात्र-छात्राएं उत्तीर्ण होकर बेहतर भविष्य की राह पर निकल पड़े हैं. सभी को आज उपाधि दी गई.

Uttarakhand Technical University
उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय में दीक्षांत समारोह (फोटो सोर्स- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 10, 2024, 10:51 PM IST

देहरादून: वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय देहरादून में 8वां दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया. दीक्षांत समारोह में 5,387 छात्र पास आउट हुए, जो आईटी सेक्टर का भविष्य बनेंगे. दीक्षांत समारोह में राज्यपाल गुरमीत सिंह ने छात्रों को मेडल, डिग्रियां और शोधार्थियों को पीएचडी की उपाधियां प्रदान की.

उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (उत्तराखंड तकनीकी विवि) में शैक्षणिक सत्र 2023-24 में विभिन्न अंडर ग्रेजुएट कोर्स में 3,843 और मास्टर कोर्स में 1,544 समेत 5,387 पास आउट छात्र-छात्राओं ने उत्तीर्ण होकर अपनी डिग्रियां हासिल की. इनमें से 16 गोल्ड, 14 सिल्वर और 13 कांस्य पदकधारी छात्र के साथ अक्टूबर 2024 तक विभिन्न विषयों में उत्तीर्ण 24 पीएचडी धारक भी शामिल हैं.

ओवर ऑल टॉपर रही वैशाली नेगी:वहीं, बीटेक कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग की छात्रा वैशाली नेगी को ओवर ऑल टॉपर के रूप में 'श्रीमती विनोद देवी अग्रवाल मेमोरियल गोल्ड मेडल' से सम्मानित किया गया. वहीं, डॉ. विजय पाण्डुरंग भटकर को डी.लिट और अरविंद कुमार गुप्ता ने डीएससी की उपाधि हासिल की.

नालंदा यूनिवर्सिटी के पूर्व चांसलर को डी.लिट की उपाधि:उत्तराखंड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की ओर से नालंदा विश्वविद्यालय के पूर्व कुलाधिपति और भारत में सुपर कम्प्यूटर के विकास का श्रेय प्राप्त करने वाले डॉ. विजय पाण्डुरंग भटकर को डी.लिट की उपाधि दी गई. इसके अलावा अरविंद कुमार गुप्ता डीएससी की उपाधि से सम्मानित किया गया. दोनों ही वर्चुअली दीक्षांत समारोह में जुड़े और छात्रों को भविष्य की शुभकामनाएं दी.

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कही ये बात:वहीं, राज्यपाल गुरमीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि वीर माधो सिंह भंडारी जैसे ऐतिहासिक पुरुष जो कि उत्तराखंड के इतिहास में एक महान योद्धा और एक बड़े इंजीनियर के रूप में पहचाने जाते हैं, उनके नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय से उपाधि लेना गर्व का विषय है. लोक गीतों और लोक कथाओं में उनकी वीरता, साहस, परिश्रम, दृढ़ इच्छा शक्ति, पराक्रम, परोपकार, बलिदान और तकनीकी कुशलता का यशगान होता है.

क्या बोले तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध?तकनीकी शिक्षा मंत्री सुबोध ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, जरूरत है तो उन्होंने उचित अवसर पर सही दिशा दिखाने की. जिसके सरकार संकल्पित है. छात्रों को उचित अवसर और सही दिशा दिखाने की जरूरत मात्र है. इसके लिए सरकार लगातार काम कर रही है.

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