राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

Rajasthan: देश में मानवाधिकार के उल्लंघन के हर साल 80 हजार मामले, सेक्रेटरी जनरल बोले- जागरूकता से घट रहे आंकड़े

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और राजस्थान पुलिस की ओर से पुलिस अफसरों के लिए दो दिन का क्षमता संवर्धन प्रोग्राम.

ETV BHARAT JAIPUR
जागरूकता से घट रहे मानवाधिकार उल्लंघन के आंकड़े (ETV BHARAT JAIPUR)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 25, 2024, 5:59 PM IST

जयपुर : मानवाधिकार हनन की घटनाओं को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग सख्त नजर आ रहा है. आयोग लगातार मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए ऐसे मामलों पर नजर रखकर त्वरित कार्रवाई करता है. यह कहना है राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सेक्रेटरी जनरल भरत लाल का. उन्होंने कहा कि देश में हर साल मानवाधिकार के उल्लंघन के 80 हजार मामले सामने आते हैं, लेकिन बीते कुछ सालों में इस आंकड़े में लगातार कमी आ रही है. जागरूकता इसका मुख्य कारण है. दरअसल, मानवाधिकारों से जुड़े विभिन्न मुद्दों को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पुलिस ऑफिसर्स के कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम की शुरुआत की है. जयपुर स्थित राजस्थान पुलिस अकादमी के सभागार में शुक्रवार को दो दिवसीय विशेष क्षमता संवर्धन कार्यक्रम का आगाज किया गया, जिसमें मानवाधिकारों की रक्षा को लेकर मानवाधिकार आयोग के पदाधिकारी पुलिस अधिकारियों को प्रशिक्षण दे रहे हैं.

एसपी-आईजी रैंक के 40 अफसरों को प्रशिक्षण :कार्यक्रम में उद्घाटन सत्र में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सेक्रेटरी जनरल भरत लाल ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की. इस मौके पर डीजीपी यूआर साहू समेत अन्य पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे. दो दिवसीय कैपेसिटी बिल्डिंग प्रोग्राम में विभिन्न सत्रों में राजस्थान पुलिस के आईजी, डीआईजी और एसपी स्तर के 40 पुलिस अधिकारियों को विभिन्न विषयों पर मानवाधिकारों की रक्षा के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा.

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सेक्रेटरी जनरल भरत लाल (ETV BHARAT JAIPUR)

इसे भी पढ़ें -मानवाधिकार आयोग ने आधा दर्जन जिलों के सीएमएचओ को मिलावटियों पर कार्रवाई के दिए निर्देश

स्व-प्रसंज्ञान का आंकड़ा भी बढ़ रहा : राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सेक्रेटरी जनरल भरत लाल ने मीडिया में बातचीत के दौरान बताया कि हमारा देश बड़े भूभाग और विभिन्न परंपराओं वाला देश है. जहां पहले हर साल मानवाधिकार के उल्लंघन की 80 हजार के करीब शिकायतें आती थी. लेकिन अब जागरूकता के साथ ही इस आंकड़े में कमी आ रही है. तीन साल पहले आयोग द्वारा एक साल में स्व-प्रसंज्ञान के 16 मामले सामने आते थे. जबकि पिछले सालों में यह आंकड़ा काफी बढ़ गया है. आयोग मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए हर मामले पर नजर रखता है और जरूरत पड़ने पर स्व-प्रसंज्ञान लेता है.

पुलिस द्वारा मानवाधिकार उल्लंघन के मामले :देश में बढ़ती मानवाधिकार हनन की घटनाओं पर सख्ती दिखाते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सेक्रेटरी जनरल भरत लाल ने कहा कि आयोग ऐसी घटनाओं पर त्वरित संज्ञान लेकर कार्रवाई करेगा. पुलिस पर मानवाधिकार हनन की आरोपों पर उन्होंने कहा कि पुलिस का काम मानवाधिकारों की रक्षा का है. कई बार पुलिस द्वारा ही अधिकारों का मानवाधिकारों का हनन किया जाता है. आयोग के पास ऐसी कई शिकायतें भी आती है. जिनका अनुसंधान कर आवश्यक निर्देश दिए जाते हैं.

इसे भी पढ़ें -मुख्य सचिव, जेडीए कमिश्नर व जयपुर जिला कलेक्टर को मानवाधिकार आयोग का नोटिस, यहां जानें पूरा मामला

अफसरों के लिए फायदेमंद होगा प्रशिक्षण :भरत लाल बताया कि आयोग खुद सीधे तौर से कोई कार्रवाई नहीं करता, बल्कि पुलिस या अन्य एजेंसियों को निर्देश देकर कार्रवाई करवाई जाती है. वहीं, डीजीपी उत्कल रंजन साहू ने कहा कि मानवाधिकारों की रक्षा के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पुलिस अधिकारियों से काफी लाभदायक रहेगा. उन्हें मानवाधिकारों से जुड़े पहलुओं के बारे में जानकारी मिलेगी और परिवादियों को न्याय मिलेगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details