लखनऊ:कम समय में तकनीकी प्रशिक्षण पाकर युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते आसान हों, इसी उद्देश्य से व्यवसायिक शिक्षा परिषद की ओर से 306 सरकारी आईटीआई का संचालन किया जाता है. यहां प्रशिक्षण के लिए प्रवेश लेने वाले छात्र-छात्राओं को तकनीकी कौशल निखारा जा सके, इसके लिए 118 ट्रेडों में पढ़ाई होती है. लेकिन वर्तमान स्थिति ये है कि इन संस्थानों में प्रशिक्षण का कौशल देने वाले प्रशिक्षकों की भारी कमी है. लखनऊ सहित प्रदेश भर में 7768 शिक्षक-प्रशिक्षकों की जरूरत है, लेकिन इनमें 5220 पद खाली पड़े हैं. महज 2548 प्रशिक्षकों के सहारे बेहतर प्रशिक्षण का दावा किया जा रहा है. 2016 से भर्ती न होना एक बड़ी समस्या है.
अधिकारी बताते हैं कि प्रशिक्षकों के कमी के बीच छात्र-छात्राएं किसी तरह से अगर पढ़ भी जाते हैं तो उनके भीतर वर्तमान इंडस्ट्री के अनुसार कौशल का विकास नहीं हो पाता है. यही कारण है कि रोजगार मेलों में छात्रों का चयन होने के बाद भी कंपनियां उनसे पीछा छुड़ाने का प्रयास करती हैं.
प्रशिक्षकों के अलावा भी खाली हैं पद :आईटीआई संस्थानों में प्रशिक्षकों के अलावा भी पद खाली हैं. वैसे तो 306 कुल संस्थानों में प्रशिक्षकों सहित कुल 13704 पद हैं. इनमें 8,232 पद खाली चल रहे हैं. शेष 5472 के सहारे पूरी व्यवस्था चल रही है