जयपुर:जिले के फुलेरा क्षेत्र में निजी कंपनी द्वारा यार्ड निर्माण को लेकर राज्य वृक्षों की बलि दी जा रही है. निजी कंपनी की ओर से रेलवे टर्मिनल निर्माण को लेकर हिरनोदा रेलवे स्टेशन के समीप कृषि भूमि पर कंपनी द्वारा राज्य वृक्षों को चिन्हित कर के वृक्षों की कटाई करना शुरू कर दिया है. यहां कुल 617 हरे-भरे राज्य वृक्ष है. इनकी कटाई के लिए तहसील प्रशासन ने निविदा जारी की है. इसके तहत 6 सितंबर को हिरनोदा रेलवे फाटक के समीप पेड़ों की कटाई की खुली बोली लगेगी. पेड़ काटने का स्थानीय ग्रामीण तो विरोध कर ही रहे हैं. साथ ही कुछ पर्यावरण प्रेमी भी इस निर्णय के विरोध में आए हैं.
कलेक्टर भी नहीं दे सकते आदेश:इस मामले में सांभरलेक तहसीलदार कृष्णा शर्मा ने बताया कि उन्हें जयपुर जिला कलेक्टर की ओर से इस संबंध में आदेश दिए हैं. इसके तहत 6 सितंबर को पेड़ों की बोली लगाने की निविदा निकलवाई गई है. हालांकि वास्तविकता ये है कि खेजड़ी की कटाई का आदेश जिला कलक्टर भी नहीं दे सकते, क्योंकि 1984 में खेजड़ी राजस्थान का राज्य वृक्ष घोषित किया जा चुका है.
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वन माफियाओं के चलते व वन विभाग की ढिलाई बरतने के चलते राज्य वृक्ष खेजड़ी संकटग्रस्त है. राज्य वृक्षों की कटाई के आदेश जिला प्रशासन भी जारी नही कर सकता है, फिर भी कागजी कार्रवाइयों में राज्य वृक्षों का जिक्र ना करके केवल हरे वृक्षों की कटाई का जिक्र किया जा रहा है. साथ में तीन से पांच गुना पौधे लगाने का शपथ पत्र लेकर राज्य वृक्ष खेजड़ी की कटाई की इजाजत दी जा रही है. ऐसा ही कुछ सांभर के हिरनोदा में हुआ है. यहां जारी आदेश में केवल खड़े पेड़ों की कटाई का हवाला देकर राज्य वृक्षों की बलि दी जा रही है.
सांभरलेक तहसीलदार को देंगे ज्ञापन:हरे पेड़ों की कटाई के मामले को लेकर स्थानीय लोगों मे कड़ा विरोध स्वर उठना शुरू हो गया है. 617 राज्य वृक्षों में से 226 वृक्षों को काटा जा चुका है, जिसके विरोध में पर्यावरणविद प्रेमी अमर भहडा के नेतृत्व में ग्रामीण सांभरलेक तहसीलदार को राज्य वृक्षों के संरक्षण के लिए 4 सितंबर को ज्ञापन सौंपेंगे. भहड़ा ने चेताया कि यदि प्रशासन ने हरे वृक्षों की नीलामी नहीं रोकी तो उग्र आंदोलन किया जाएगा.