जयपुर.सरकार बदलने के साथ ही पूर्ववर्ती सरकार में मलाईदार पदों पर रहने वाले अफसर ज्यादातर प्रतिनियुक्ति का रास्ता देख लेते हैं. फिर जब सरकार बदलती है तो वापसी की राह खोजने लग जाते हैं. ऐसा इन दिनों राजस्थान में देखने को मिल रहा है. केंद्र सरकार के अलग-अलग महकमों में प्रतिनियुक्ति पर गए राजस्थान कैडर के कई ब्यूरोक्रेट्स इन दिनों वापसी की राह तलाश रहे हैं. 50 से ज्यादा अफसर हैं जो इन दिनों प्रतिनियुक्ति पर हैं, इनमें से ज्यादातर दिल्ली में पोस्टेड हैं. सूत्रों की माने तो डेढ़ दर्जन से ज्यादा अफसर राजस्थान वापसी के लिए लॉबिंग में लगे हुए हैं.
55 अधिकारी प्रतिनियुक्ति पर : दरअसल राजस्थान कैडर अफसरों में से 55 अफसर अभी केंद्र सरकार में प्रतिनियुक्ति पर हैं, जिनमें 17 आईएसस 22 आईपीएस और 11 आईएफएस है. इनमें से ज्यादातर अफसर पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के समय ही प्रतिनियुक्ति पर गए थे. कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के समय दिल्ली गए अफसरों की तत्कालीन सरकार और मंत्रियों के साथ पटरी नहीं बैठ पाई थी. इसके साथ कुछ असफर ऐसे भी थे जो कांग्रेस सरकार के पहले वसुंधरा सरकार में प्राइम पोस्टिंग पर थे और कांग्रेस की सरकार बनते ही इन्हें दूसरी जगह पोस्टिंग पर लगा दिया था. मौजूद वक्त में 17 आईएएस केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं. इनमें से 16 गहलोत सरकार के समय गए थे. इसी तरह से आईपीएस और आईएफएस की भी रही. अब जैसे ही कांग्रेस की सरकार बदल कर बीजेपी की सरकार बनी तो प्रतिनियुक्ति पर गए कई अफसर अपने मूल कैडर में आकर काम करने की इच्छा जता रहे हैं. सचिवालय सूत्रों की माने तो करीब डेढ़ दर्जन से ज्यादा अधिकारियों ने केंद्र और राज्य सरकार को भी अपनी इच्छा के बारे में बता चुके हैं. माना जा सकता है कि 4 जून के बाद जैसे ही लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हटेगी, इनमे से कई नौकरशाह जयपुर का रुख कर सकते हैं.