कुल्लू:भारत के निचले राज्यों में लगातार बढ़ रही गर्मी से राहत पाने के लिए सैलानी इन दिनों पहाड़ों का रुख कर रहे हैं. यहां के नदी-नाले भी सैलानियों को आकर्षित कर रहे हैं. नदी-नालों में सैलानियों के साथ कोई हादसा ना हो. इसके लिए प्रशासन ने नदी-नालों के किनारे जाने पर रोक लगाई गई है.
जिला कुल्लू में प्रशासन के आदेशों के बाद भी सैलानी नदी में उतर रहे हैं और पांव फिसलने के चलते हादसे भी हो रहे हैं. बीते एक सप्ताह में पांच सैलानियों की नदी में पैर फिसलने से मौत हुई है. बीते सोमवार को भी मनाली के बाहंग में ब्यास नदी के किनारे जाकर फोटो खींच रही उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के दो पर्यटक बह गए थे.
बीते 26 मई को भी नेहरू कुंड में फोटोग्राफी कर रहे दो पर्यटक ब्यास नदी में बह गए थे. युवती का शव पुलिस ने बरामद कर लिया था जबकि युवक का कोई सुराग नहीं लग पाया. इसके अलावा मणिकर्ण घाटी में भी पार्वती नदी में पांव फिसलने से एक युवक की मौत हो गई.
नियमों का उल्लंघन करने वालों पर है जुर्माने का प्रावधान:
जिला कुल्लू में हर साल उपायुक्त की ओर से नदी किनारे पर्यटकों को जाने से रोकने के लिए आदेश जारी किए जाते हैं. नियमों का उल्लंघन करने वालों को एक हजार से पांच हजार रुपये का जुर्माना या न्यूनतम आठ दिन की कैद का प्रावधान किया गया है लेकिन बावजूद इसके अब तक एक भी मामला दर्ज नहीं हुआ है.