कोटा में 131वां राष्ट्रीय दशहरा मेला (ETV Bharat Kota) कोटा :हर साल की तरह इस बार भी नगर निगम जोर-शोर से दशहरे मेले की तैयारियों में जुटा हुआ है. इस बार 131वां राष्ट्रीय दशहरा मेले को खास बनाने के लिए कई तरह के प्रयास किए गए हैं. इस बार रावण की साइज को बढ़ा दिया गया है. साथ ही इस बार रावण में भी खास फीचर जोड़े गए हैं. इसके तहत 3D रावण बनेगा, जिसे दूर से देखने पर भी वह काफी नजदीक खड़ा हुआ लगेगा. पुतले में मूंछ, कवच व कपड़े 3D में दिए गए हैं. इन सबको उभार के रूप में बनाया गया है. इसमें काफी मेहनत करनी पड़ती है. पुतले से अलग बनाकर इन्हें आगे की तरफ लगाया जाता है.
गर्दन, तलवार और होठ के साथ सिर भी करेगा मूवमेंट :रावण बनाने वाले कारीगर जमशेद अली का कहना है कि इस बार रावण की मूंछें, तलवार, गर्दन, होठ और सिर भी मूवमेंट करेगा. कुम्भकरण और मेघनाथ सिंपल रहेंगे, लेकिन कलर और टेक्सचर और डिजाइनिंग से पहले से अलग बनाया जाएगा. ये भी काफी अच्छे लगने वाले हैं. हमने 80 फीसदी काम कर दिया है, केवल कलर पेपर लगाने का काम बचा हुआ है.
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5-5 फीट बढ़ाई गई है ऊंचाई :दशहरा मेले के आयोजन के अध्यक्ष विवेक राजवंशी का कहना है कि इस बार रावण की लंबाई 80 फीट है, जबकि कुम्भकरण और मेघनाथ की ऊंचाई 60 फीट रखी गई है. सभी पुतलों की ऊंचाई में बीते साल से 5 फीट की बढ़ोतरी की गई है. बीते साल रावण 75 और मेघनाथ-कुम्भकरण के पुतले 55 फीट के थे. मेला समिति ने बुराई का कद नहीं बढ़ाया है, केवल रावण और उसके कुनबा के पुतले का कद बढ़ाया है.
रामायण की थीम पर मेला (ETV Bharat Kota) वाटरप्रूफ पेपर से लेकर 500 लंबे बांस लगाए :जमशेद अली गुड्डू ने बताया कि इसे बनाने में तीन क्विंटल से ज्यादा रस्सी लगाई जा रही है. इसके अलावा 500 बांस बांधे जा रहे हैं. एक बांस की लंबाई 24 फीट थी, जिन्हें काट कर अलग-अलग रूप में शेप दिया जा रहा है. करीब 500 किलो के आसपास इसमें कागज और रद्दी लगाई है. इसके अलावा 2 क्विंटल से ज्यादा मैदा की लुगदी भी इसमें बनाई गई है, ताकि रद्दी को चिपकाया जा सके. इसके साथ ही वाटरप्रूफ पेपर का भी प्रयोग इसमें किया है. वहीं, 150 साड़ियां भी लगाई गईं हैं. इसके कलर टेक्सचर के जरिए ही इसे 3D रूप दिया जा रहा है.
3D रावण बनाने के काम में जुटे कारीगर (ETV Bharat Kota) पुतला बनाने में भी गंगा जमुनी तहजीब :6 सितंबर से ही दशहरा मैदान के एक हिस्से में रावण और उसके कुनबे को बनाने का काम कारीगर कर रहे हैं. दिल्ली की कारीगर की टीम यहां पर आई है, जिनमें 18 से ज्यादा लोग हैं, यह लोग दिन रात मेहनत कर रावण को तैयार करने में जुटे हुए हैं. यह सभी कारीगर जमशेद अली गुड्डू के नेतृत्व में यहां पर पहुंचे हैं और सभी अल्पसंख्यक समुदाय से हैं. त्योहार पर अल्पसंख्यक समुदाय के यह लोग गंगा जमुनी तहजीब के तर्ज पर काम कर रहे हैं.
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रावण के साथ दहन होगी सोने की लंका भी :मेला अध्यक्ष विवेक राजवंशी ने बताया कि रावण की लंका सोने की थी, वैसे ही उन्होंने सोने की लंका बनाने का प्रयास किया है. राम भक्त हनुमान ने अशोक वाटिका के साथ-साथ सोने की लंका में भी आग लगा दी थी, वैसे ही रावण दहन के पहले यह लंका भी जलाई जाएगी. इसके बाद ही रावण और उसके कुनबे के पुतले का दहन होगा. रावण का दहन भी पूरा सिस्टम इलेक्ट्रिक होगा. हर चीज बटन दबाने से काम करेगी.
दशहरे में 3D रावण का होगा दहन (ETV Bharat Kota) मेले को दी गई है रामायण की थीम :उन्होंने बताया कि इस बार पूरे मेला परिसर को भगवान राम और रामायण की थीम पर ही तैयार किया गया है, ताकि यह लगे कि यह दशहरा मेला है. सभी प्रवेश द्वारों को रामायण के पात्रों के नाम दिए गए हैं. जैसे जटायु, शत्रुघ्न, भरत, लक्ष्मण, श्री राम, मां आशापुरा, लव कुश, हनुमान, नीलकंठ, अंगद, परशुराम, सुग्रीव, बाली, नल नील, अशोक वाटिका और विभीषण द्वार नाम दिए गए हैं. बाजारों के नाम बदलकर माता अन्नपूर्णा बाजार, मां कौशल्या बाजार और माता जानकी बाजार नाम दिया गया है. इस बार मेले में राम दरबार की दिव्य झांकी भी बनवाए जाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है.