पंचकूला: हरियाणा सरकार ने राज्य में नवनियुक्त पटवारियों के कौशल विकास के लिए साल 2025 की शुरूआत से उनका एक वर्षीय प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू करवा दिया है. इस प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रदेश के राजस्व विभाग को पहले से और अधिक कुशल और प्रभावी बनाना है. कुल 2702 नवनियुक्त पटवारियों को जिला स्तर पर प्रशिक्षण दिया जाने लगा है. इसका मुख्य उद्देश्य पटवारियों को उनके कर्तव्यों और जिम्मेदारियों के लिए बेहतर तरीके से तैयार करना है.
आधुनिक तकनीक से काम आसान
नवनियुक्त 2702 पटवारियों के प्रशिक्षण के लिए जिला स्तर पर व्यवस्था की गई है. हालांकि प्रदेश के करीब छह जिलों को छोड़कर अन्य सभी 16 जिलों में पटवारी प्रशिक्षण विद्यालय खोले जा रहे हैं. इन केंद्रों में आधुनिक तकनीक और जटिल प्रक्रियाओं की सरलता पर आधारित प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि पटवारी अपनी जिम्मेदारियों का बेहतर प्रदर्शन कर सकें. जिन जिलों में प्रशिक्षण केंद्र खोले जा रहे हैं उनमें अंबाला, कुरुक्षेत्र, भिवानी, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, करनाल, पंचकूला, पानीपत, रेवाड़ी, रोहतक, सिरसा, सोनीपत, यमुनानगर, महेंद्रगढ़ और झज्जर शामिल हैं.
घटेगा काम का बोझ
पूरे प्रदेश में नवनियुक्त 2702 पटवारियों की तैनाती से कृषि जमीन व जमीन संबंधी अन्य सभी कामकाज आसान से और जल्द होने लगेंगे. क्योंकि वर्तमान में प्रदेशभर की कृषि भूमि व अन्य कामकाज की जिम्मेदारी करीब साढ़े 1300 पटवारियों पर है. नतीजतन एक पटवारी पर करीब 4 सर्कल के काम का बोझ है. लेकिन नवनियुक्त पटवारियों की प्रशिक्षण समयावधि पूरी होने पर प्रत्येक पटवारी का काम का बोझ तो घटेगा ही, साथ ही जटिल कामकाज भी सरलता और तेजी से हो सकेगा.