कोटा. प्रदेश में प्रचंड गर्मी का दौर चल रहा है. इसमें जिले के सुकेत अस्पताल में दो नवजात शिशु की मौत का मामला सामने आया है. दोनों ही नवजात दो दिन के थे. इस मामले में यह क्लियर नहीं हुआ है कि नवजातों की मौत क्यों हुई है, लेकिन दोनों ही मौत मंगलवार को हुई है. इस संबंध में चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने एक कमेटी गठित कर दी है.
रामगंजमंडी के बीसीएमएचओ डॉ. रईस खान ने बताया कि दोनों नवजात का जन्म नॉर्मल डिलीवरी से 26 मई को हुआ था. दोनों को 28 मई को सुबह डिस्चार्ज भी कर दिया गया था, लेकिन परिजन इन्हें लेकर नहीं गए थे. मौत के क्या कारण रहे हैं. यह जांच के बाद ही सामने आ पाएगा. सुकेत चिकित्सालय में पांच चिकित्सकों के पद स्वीकृत है, जबकि यहां केवल दो चिकित्सक ही कार्यरत है. इन दोनों की ही तबीयत नासाज है और मेडिकल लीव पर हैं. डॉ. केशव गुप्ता आईसीयू में भर्ती हैं. जिन्हें हृदय रोग से जुड़ी बीमारी हुई है, वहीं अस्पताल के इंचार्ज डॉ. अर्पित गुप्ता के पैर में फैक्चर हो गया. इसके चलते वो मेडिकल लीव पर हैं. उन्हें 28 दिन का रेस्ट बताया हुआ है. इसके बाद आनन फानन में रामगंजमंडी व मोड़क से चिकित्सक लगाएं गए हैं.
परिजनों पर नहीं ले जाने का आरोप : दरअसल, अस्पताल में लक्ष्मीपुरा निवासी सविता ने पुत्री को जन्म दिया था. इसी तरह से सुकेत निवासी सपना ने पुत्र को जन्म दिया था. यह दोनों प्रसव अस्पताल प्रबंधन के अनुसार 26 मई को सुबह हुए थे. डॉ. रईस खान के अनुसार प्रसूता सविता नवजात को 27 तारीख की रात को बार-बार पानी पिला रही थी. इसके बावजूद उसकी स्टाफ ने टोका भी था, लेकिन वह नहीं मान रही थी. ऐसा इंद्राज भी उसने रजिस्टर्ड में किया है. वहीं दूसरी प्रसूता सपना का नवजात विकलांग था और उसे दिखाने के लिए हायर सेंटर पर भी निर्देशित किया था, उसका वजन भी 2 किलो था. स्टाफ ने दोनों को ही रेफर कर दिया था, लेकिन परिजन नवजात और प्रसूता को परिजन लेकर नहीं गए थे.