नई दिल्ली: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 सिख विरोधी दंगे के दौरान सरस्वती विहार के एक मामले में आरोपी और पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले पर फैसला टाल दिया है. स्पेशल जज कावेरी बावेजा ने 12 फरवरी 2025 को फैसला सुनाने का आदेश दिया है. इससे पहले कोर्ट ने 31 जनवरी को फैसला सुरक्षित रख लिया था. ये मामला 1 नवंबर, 1984 को सरस्वती विहार इलाके में पिता-पुत्र की हत्या से संबंधित है.
दरअसल, मामला 1 नवंबर 1984 का है, जिसमें पश्चिमी दिल्ली के राज नगर में सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह की हत्या कर दी गई थी. शाम को करीब चार- साढ़े चार बजे दंगाइयों की भीड़ ने पीड़ितों के राज नगर इलाके में स्थित घर पर लोहे के सरियों और लाठियों से हमला कर दिया था. शिकायतकर्ताओं के मुताबिक, इस भीड़ का नेतृत्व सज्जन कुमार कर रहे थे, जो उस समय बाहरी दिल्ली लोकसभा सीट से कांग्रेस के सांसद थे.
भीड़ को हमला करने के लिए उकसाने का आरोप: शिकायतकर्ता के मुताबिक, सज्जन कुमार ने भीड़ को हमला करने के लिए उकसाया, जिसके बाद भीड़ ने सरदार जसवंत सिंह और सरदार तरुण दीप सिंह को जिंदा जला दिया. भीड़ ने पीड़ितों के घर में तोड़फोड़, लूटपाट और आगजनी को अंजाम दिया. शिकायतकर्ता की ओर से तत्कालीन रंगनाथ मिश्रा की अध्यक्षता वाली जांच आयोग के समक्ष दिए गए हलफनामे के आधार पर उत्तरी जिले के सरस्वती विहार थाने में एफआईआर दर्ज की गई. एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 147,148,149,395,397,302,307, 436 और 440 की धाराओं के तहत आरोप लगाए गए.
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