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संजौली मस्जिद विवाद के बाद से शिमला में वेरिफिकेशन ड्राइव शुरू, अब तक 18,053 प्रवासी मजदूरों का हुआ पंजीकरण

हिमाचल में उठे संजौली मस्जिद विवाद के बाद शिमला पुलिस ने अब तक 18,053 प्रवासी श्रमिकों का पंजीकरण किया है.

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : 5 hours ago

Updated : 4 hours ago

शिमला पुलिस ने चलाया प्रवासी मजदूरों के पंजीकरण का अभियान
शिमला पुलिस ने चलाया प्रवासी मजदूरों के पंजीकरण का अभियान (FILE)

शिमला:हिमाचल में संजौली मस्जिद विवाद के बाद प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले प्रवासियों के वेरिफिकेशन की मांग उठी. कैबिनेट मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने प्रदेश में आने वाले लोगों की पहचान का मुद्दा हिमाचल विधानसभा के मानसून सत्र में उठाया था. जिसके बाद से पुलिस प्रशासन प्रवासियों के पंजीकरण को लेकर अभियान चला रहा है. इसी के तहत शिमला जिले में अब तक 18053 प्रवासी मजदूरों का पंजीकरण हो चुका है.

शिमला के संजौली में मस्जिद में हुए अवैध निर्माण के खिलाफ पिछले दिनों हिंदू संगठनों ने मोर्चा खोला था और प्रदेश में आने वाले बाहरी लोगों के वेरिफिकेशन करने की मांग उठाई थी. जिसके बाद पुलिस प्रशासन हरकत में आया और प्रवासियों की वेरिफिकेशन को लेकर पंजीकरण अभियान चलाया है. इसी का नतीजा है कि शिमला जिले में अब 18053 बाहरी राज्यों से आए प्रवासी मजदूरों का पंजीकरण किया गया है.

एसपी शिमला संजीव गांधी ने सभी थानों को आदेश दिए थे कि उनके इलाके में बाहर से काम करने आने वाले प्रवासी मजदूरों का पंजीकरण करे. पुलिस की सख्ती के बाद जिले में अभी तक 18,053 प्रवासी कामगारों ने पुलिस थाने और चौकियों में जाकर अपना पंजीकरण तथा सत्यापन करवा लिया है. रिकॉर्ड के मुताबिक जिले में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, राजस्थान और नेपाल से भारी संख्या में लोग रह रहे हैं. यह लोग सेब के बगीचों, निर्माण कार्य, पेशेवर कामगार के रूप में विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं.

हिमाचल प्रदेश में बाहरी राज्यों से आने वाले प्रवासी मजदूरों के पंजीकरण और सत्यापन नियमित प्रक्रिया है. लेकिन मकान मालिक और ठेकेदार इसको लेकर संजीदा नहीं हैं. इस वजह से पुलिस को बाहरी राज्यों से आने वाले प्रवासी लोगों का रिकॉर्ड एकत्रित करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.

एसपी संजीव गांधी ने कहा, "शिमला जिले में अभी तक बाहरी राज्यों से आने वाले 18,053 लोगों का पंजीकरण हो चुका है. इसके अलावा नियमित रूप से यह प्रक्रिया जारी है. बाहरी राज्यों के अलावा नेपाल से भी बड़ी संख्या में लोग जिले में मजदूरी समेत विभिन्न कार्य कर रहे हैं. जिनका पंजीकरण किया जा रहा है. इन लोगों का पंजीकरण इसलिए भी अनिवार्य है क्योंकि बाहर से कोई अपराधी यहां आकर छिपकर न बैठे. सेब सीजन के दौरान और उसके बाद बाहर राज्य से काफी मजदूर शिमला आते हैं और यहां पर अपना रोजगार करते है. ऐसे में पुलिस अब सतर्क हो गई है".

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