शिमला: हिमाचल के दुर्गम क्षेत्र में हजारों महिलाओं पर लक्ष्मी मेहरबान होने वाली है. प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार दुर्गम क्षेत्रों में नौकरी पेशा महिलाओं के अतिरिक्त सभी नारी शक्ति को इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत 1500 रुपये मासिक पेंशन देने की योजना पर काम कर रही है. इसके लिए सरकार नियमों में बदलाव करने जा रही है जिससे नौकरी करने वाली महिलाओं के अतिरिक्त सभी महिलाओं को 1500-1500 रुपये की राशि मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा.
इसके लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शिमला जिला के कुपवी दौरे के दौरान अधिकारियों को उक्त क्षेत्र की सभी महिलाओं को इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना के तहत 1500 रुपये प्रतिमाह देने के लिए नियमों में बदलाव के पहले ही निर्देश जारी कर चुके हैं. ये नियम अब प्रदेशभर के अन्य हार्ड एरिया कांगड़ा जिला के छोटा भंगाल व बंड़ा भंगाल, मंडी की चुहार घाटी और सिरमौर जिला के गिरिपार क्षेत्र सहित अन्य कई क्षेत्रों में लागू होंगे.
अभी दुर्गम क्षेत्रों सहित अन्य क्षेत्रों के लिए ये है नियम
इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना की अधिसूचना के मुताबिक लाभ लेने की इच्छुक महिलाओं की उम्र 18 से 59 साल और हिमाचल की स्थाई निवासी होना पहली शर्त है. इसके अलावा अधिसूचना के मुताबिक केंद्रीय, राज्य सरकार के कर्मचारी, पेंशनर, कॉन्ट्रैक्ट, आउटसोर्स, दैनिक वेतन भोगी, अंशकालीन कर्मचारी, भूतपूर्व सैनिक व सैनिक विधवाएं, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, आशा वर्कर, मिड-डे मील वर्कर, मल्टी टास्क वर्कर, सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थी, पंचायती राज संस्थाओं, शहरी निकायों के कर्मचारी, सार्वजनिक उपक्रमों बोर्ड, निगम, काउंसिल या एजेंसी के कर्मियों, पेंशन भोगियों वाले परिवार की किसी भी महिला को इस सुविधा का लाभ नहीं मिलेगा.
यहां जमा होंगे फॉर्म
हिमाचल में 18 से 59 आयु वर्ग की जिन महिलाओं ने 'इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना' के तहत 1500 रुपये मासिक पेंशन के लिए आवेदन नहीं किया है. ऐसी महिलाएं योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन फॉर्म भरकर तहसील कल्याण अधिकारी के पास जमा करवा सकती हैं जहां से फार्म को वेरिफिकेशन के लिए संबंधित पंचायतों को भेजा जाएगा जिसकी ग्रामसभा में वेरिफिकेशन होने के बाद फार्म को फिर से तहसील कल्याण अधिकारी के पास भेजा जाएगा. ऐसे में ग्रामसभा में फार्म की वेरिफिकेशन होने के बाद महिलाओं को 1500 रुपये मासिक पेंशन मिलेगी.