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योगिनी एकादशी: ठाकुर जी को लगाया गया 1100 किलो आमों का भोग, मनोकामना मांगने पहुंचे श्रद्धालु - Govind Dev Ji Temple

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 2, 2024, 5:28 PM IST

योगिनी एकादशी के मोके पर जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने ठाकुर जी के दर्शन किए. इस दौरान भगवान के समक्ष 1100 किलो आमों का भोग लगाया गया और खास झांकी सजाई गई.

गोविंद देव जी मंदिर में आम झांकी
गोविंद देव जी मंदिर में आम झांकी (ETV Bharat Jaipur)

ठाकुर जी को लगाया गया 1100 किलो आमों का भोग (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. आषाढ़ कृष्ण पक्ष एकादशी को योगिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है. इस अवसर पर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की उपासना का दौर चला. छोटी काशी के वैष्णव मंदिरों में भक्त अपने भगवान के दर्शन के लिए पहुंचे. वहीं, शहर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर में भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने ठाकुर जी के दर्शन किए. इस दौरान भगवान के समक्ष आमों का भोग लगाते हुए खास झांकी सजाई गई. ठाकुर जी को शीतलता प्रदान करने के लिए चांदी के फव्वारे की सेवा भी की गई.

1100 किलो आमों का भोग :सनातन धर्म में सभी तिथियों में एकादशी तिथि को बेहद शुभ माना जाता है. वर्षभर आने वाली 24 एकादशी में से योगिनी एकादशी का खास महत्‍व बताया गया है. शास्त्रों के अनुसार योगिनी एकादशी का व्रत करने से 88 हजार ब्राह्मणों को भोजन कराने के बराबर पुण्य प्राप्‍त होता है. यही वजह रही कि योगिनी एकादशी पर भक्तों ने व्रत रखते हुए भगवान विष्णु की आराधना कर सुख-समृद्धि की कामना की. इस अवसर पर जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर में ठाकुर श्री जी को 1100 किलो आमों का भोग लगाया गया और विशेष झांकी सजाई गई. इस दौरान श्रद्धालुओं ने भगवान के जयकारे लगाते हुए दर्शन किए और मनोकामना मांगी. भगवान को अर्पित किए गए आमों को श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में वितरित किया गया.

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बता दें कि धार्मिक ग्रंथों में योगिनी एकादशी के व्रत को पापों से मुक्ति दिलाने वाला और मोक्ष प्राप्ति का द्वार बताया गया है. भगवान श्री कृष्ण से जब युधिष्ठिर ने आषाढ़ कृष्ण एकादशी के महत्व के बारे में पूछा था, तो उन्होंने बताया था कि इस व्रत को करने से व्यक्ति पृथ्वी पर सभी भोग प्राप्त करता है और परलोक में उसके मुक्ति के द्वार खुलते हैं.

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